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Parenting Tips: नई माओं के लिए बच्चों के शुरुआती सालों में ध्यान रखने वाली 5 बातें

पेरेंटिंग: नई माओं के लिए बच्चों के शुरुआती सालों में ध्यान रखने वाली बातें बहुत जरूरी होती हैं। यह समय बच्चे के विकास के लिए न केवल शारीरिक के लिए महत्वपूर्ण है

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Saniya Naaz
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(Image credit: Pinterest)

Parenting Tips: नई माओं के लिए बच्चों के शुरुआती सालों में ध्यान रखने वाली बातें बहुत जरूरी होती हैं। यह समय बच्चे के विकास के लिए न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जब कोई महिला पहली बार मां बनती है तो उसको चीजों को समझने में वक्त लगता है, परेशानियां भी होती है।

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नई मांओं के लिए ये पांच जरूरी बातें 

1. संतुलित आहार

बच्चे के शुरुआती वर्षों में सही पोषण बहुत जरूरी है। माएं अपने बच्चे को Feeding कराएं, क्योंकि इससे बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व और इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने वाले तत्व मिलते हैं। यदि फीडिंग संभव नहीं है, तो उचित फॉर्मूला मिल्क का चयन करें। धीरे-धीरे ठोस आहार शुरू करते समय हरी सब्जियां, फल, अनाज, और दालों का समावेश करें। इस दौरान यह सुनिश्चित करें कि बच्चे को सभी पोषक तत्व मिल रहे हैं।

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2. स्वस्थ नींद की आदतें

बच्चे के लिए नींद बहुत जरूरी है। नवजात शिशु को दिन में 16-18 घंटे सोने की आवश्यकता होती है। माएं सुनिश्चित करें कि बच्चे का सोने का स्थान सुरक्षित और आरामदायक हो। नियमित सोने का समय निर्धारित करें, जिससे बच्चे को एक स्वस्थ नींद की आदत विकसित करने में मदद मिले। इससे बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर होगा।

3. संवेदनशीलता और प्यार

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बच्चों के शुरुआती सालों में प्यार और संवेदनशीलता का बहुत महत्व होता है। अपने बच्चे को प्यार से छूने, गले लगाने और बात करने से उसका आत्मविश्वास और भावनात्मक विकास होता है। जब बच्चे रोते हैं या परेशान होते हैं, तो उन्हें प्यार से संभालें। इससे बच्चे को सुरक्षा का अनुभव होगा और वह अपने आस-पास की दुनिया को समझने लगेगा।

4. सक्रिय खेल और गतिविधियां

बच्चों को शारीरिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करना बेहद जरूरी है। छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित खिलौने और खेलों का चयन करें, जो उनकी मोटर स्किल्स और सामाजिक कौशल को विकसित करने में मदद करें। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसे गतिविधियों में शामिल करें, जैसे कि पार्क में खेलना, दौड़ना, और अन्य खेलों में भाग लेना। इससे बच्चे का शारीरिक विकास तो होगा ही, साथ ही उसकी सामाजिक क्षमताएं भी विकसित होंगी।

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5. स्वास्थ्य और चेक-अप

बच्चे के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद आवश्यक है। नियमित डॉक्टर के चेक-अप कराएं और सभी वैक्सीनेशन समय पर कराएं। अगर बच्चे में कोई असामान्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। इसके अलावा, बच्चे की वृद्धि और विकास को ट्रैक करें ताकि किसी भी समस्या का समय पर निदान किया जा सके।

 

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