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कहते हैं कि इंसान खाली हाथ आता है और खाली हाथ ही वापस चला जाता है। हम जब पैदा होते हैं तो कुछ भी सीख से पैदा नहीं होते। किसी ने कहा है कि हम सच्चाई को उसी तरह स्वीकार करते हैं जिस तरह हमें दिखाई जाती है। हमारे आसपास की यह सच्चाई ही तय करती है कि हम किस तरह के इंसान बनेंगे। और यह रियालिटी हमारे पास हमारे पेरेंट्स से आती है।
चलिए अब हम आपको सीधे बताते हैं। हमें बचपन में ऐसे बहुत सारे पाठ पढ़ाए जाते हैं जो यह तय करते हैं कि हम आगे चलकर किस तरह के इंसान बनेंगे। लेकिन उन सभी पाठों के साथ हमारे पेरेंट्स के द्वारा बोले गए कुछ झूठ भी शामिल है। हमें इन झूठ को भूलने की जरूरत है क्योंकि यह हमें पूरी तरह से बिगाड़ देते हैं।
पेरेंट्स द्वारा बच्चों को बोले गए झूठ -
1. बेटा अभी पढ़ाई कर लो, मजे करने के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है
बच्चों को बचपन से ही यह बोला जाता है अभी पढ़ाई कर लो आगे चलकर पूरी जिंदगी मजे ही करना है। इसी कारण से हम कभी present moment में नहीं जी पाए। लेकिन सच तो यह है कि जिंदगी कभी पूरी तरह सुलझी हुई हो ही नहीं सकती। जिंदगी में एक के बाद एक परेशानी आती रहेगी जब तक आप उस परेशानी के साथ खुश रहना नहीं सीखेंगे।
2. बेटी तो पराया धन होती है ना
लड़की को पराया धन समझने की यह मानसिकता बहुत ही टॉक्सिक है। इस मानसिकता ने बच्चों को petriarchy को स्वीकार करवाना चाहा। पेरेंट्स यह बोल कर अपने लड़कियों को सिखाते हैं कि वह एक वस्तु है जिसे कुछ समय के बाद दूसरे मालिक के हाथ में दे दिया जाएगा।
यह केवल लड़कियों को एक वस्तु की तरह ट्रीट करने तक सीमित नहीं है। बल्कि यह हमारी संस्कृति में पुरुष प्रधानता की विजय को दर्शाती है।
3. लड़के नहीं रोते
लड़कों को बचपन से ही सिखाया जाता है कि उन्हें रोना नहीं चाहिए। एक मर्द बनने का संबंध भला रोने से कैसे हो सकता है? लड़कों से हमेशा ही मर्द बनने की उम्मीद की गई जिसकी शर्त थी कि उन्हें अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं करनी है। इस वजह से भावनाओं को व्यक्त करना लड़कों के लिए एक कमजोरी बन जाती है और महिलाएं एक कमजोर जेंडर।
4. लड़का और लड़की दोस्त नही हो सकते
हमारे समाज में शुरू से ही एक लड़का और एक लड़की के बीच में दोस्ती को रोमांस का नाम दे दिया जाता है। उनके अनुसार एक लड़के और एक लड़की के बीच में दोस्ती नहीं हो सकती । अगर कोई रिश्ता है होगा तो वह केवल प्यार और रोमांस का ही होगा। इस वजह से बहुत से लड़के लड़कियों से बात करने में शर्माते हैं। और दोनों जेंडर के बीच में काफी दूरी भी है।
5. कॉमर्स, आर्ट्स लेकर क्या करोगे साइंस लेलो
कुछ परिवारों में शुरू से ही है माना जाता है कि अगर कैरियर बनाना है तो कॉमर्स और आर्ट्स कोई फील्ड नहीं है। केवल साइंस स्ट्रीम में जाकर इंजीनियर और डॉक्टर बनना ही करियर होता है। इस वजह से बच्चे अपने पैशन को फॉलो नहीं कर पाते और मजबूरी में वह काम करते हैं जो उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं।