/hindi/media/post_banners/7NNy9Qozo50951t07Sp6.jpg)
एंग्जायटी डिसऑर्डर बच्चे और टीनएजर्स में सबसे आम मेन्टल हेल्थ समस्या है। एक बच्चे के लिए ऐसी समस्या से निपटना बहुत ही कठिन हो सकता है। साथ ही, बच्चों में ऐसी समस्या पहचानने की भी काबिलियत या मैच्योरिटी नहीं होती है। इस ब्लॉग में पढ़िए बच्चो में ऑक्सीटी की कुछ संकेत जिन्हें माता पिता को ध्यान में रखना चाहिए। साथ ही, बच्चों में एंग्जायटी के संभव कारण, जिनसे हो सके तो बच्चों को बचाया जाना चाहिए।
बच्चों में एंग्जायटी के संकेत:
- किसी चीज़ में ध्यान न दे पाना
- स्कूल में ग्रेड गिरना
- खाने के पैटर्न में बदलाव। अक्सर एंग्जायटी से पीड़ित बच्चे खाने की संख्या कम कर देते हैं।
- पेट और पाचन से संबंधित समस्या बार बार होना।
- छोटी छोटी बातों पर बहुत गुस्सा होना या घबरा जाना।
- पहले से अधिक रोना। जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे रोना कम कर देते हैं, पर अगर इसका विपरीत हो, यह चिंता की बात है।
बच्चों में एंग्जायटी के कारण:
1. बार बार स्कूल, घर या शहर बदलना
किसी भी वजह से बार बार स्कूल, घर या शहर बदलने का मतलब है बच्चे को उसके कम्फर्ट जोन से बार बार निकाल देना। बच्चे के दोस्त, जान पहचान वाले लोग और एरिया, सब छूट जाते हैं। यह उनके लिए स्ट्रेसफुल हो सकता है।
2. बच्चों के सामने माता पिता की लड़ाई
बच्चो के सामने किसी की भी लड़ाई उन्हें डरा सकता है। अगर यह रेगुलर हो जाए तो यह एंग्जायटी का कारण हो सकता है। वे ऐसा भी सोच सकते हैं की झगड़ा उनके कारण हो रहा है। इसलिए माता पिता को कभी भी अपने बच्चों के सामने झगड़ा नहीं करना चाहिए। विवाद होना किसी भी परिवार में नॉर्मल है, पर अगर आप बात को बढ़ता देख रहे हैं तो अलग कमरे में चले जाईये।
3. किसी करीबी की मृत्यु
करीबी रिश्तेदार या दोस्त के मृत्यु के कारण बच्चे को एंग्जायटी हो सकती है। मृत्यु ऐसी चीज़ है जो बड़ों को भी हिला देती है, तो बच्चों पर असर तो पड़ेगी ही।
4. अब्यूस या बुलइंग
अगर आपके बच्चे को किसी प्रकार की अब्यूस या बुलीइंग का सामना करना पड़े, यह उसपर एंग्जायटी के रूप में निशान छोड़ सकता है। आपको अपने बच्चे में अब्यूस या बुलीइंग के चिन्ह देखने के लिए सतर्क रहना होगा।
5. गंभीर बीमारी या आघात
अगर आपके बच्चे को गंभीर चोट पहुँचती है, या उसे कोई बीमारी का सामना करना पड़ा, उसे एंग्जायटी हो सकती है। एक्सीडेंट उन्हें उस चीज़ का डर पैदा क्र सकते हैं, जिससे उनका एक्सीडेंट हुआ।
आप क्या कर सकते हैं?
अगर आप अपने बच्चे में एंग्जायटी के चिन्ह देख रहे हैं, तो सबसे ज़रूरी चीज़ है उनसे बात करना। उनसे बात कर के आपको पता करना होगा की वह क्या चीज़ है जो उन्हें स्ट्रेस कर रही हैं। आपको समझना होगा की जो आपके लिए छोटी बात है, बच्चे के लिए स्ट्रेस की बात हो सकती है। आपको उनके साथ समय बिताना होगा और उन समस्याओं के समाधान का प्रयास करना होगा।
कोशिश के बाद भी अगर आप उनके एंग्जायटी को कम नहीं कर पा रहे, आपको साइकोलॉजिस्ट या चाइल्ड थेरेपिस्ट की मदद लेनी पड़ेगी। इसमें कोई स्टिग्मा या दुःख की बात नहीं है। हर बच्चा अलग होता है, और उसके ज़रूरतें अलग होती हैं। उनके ज़रूरत को पूरा करने में कोई शर्म की बात नहीं।