Common Myths About Babies : जब एक कपल पेरेंट्स बनते हैं तब उन्हें अपने नवजात को लेकर कई बातों को जानने का मौका मिलता है। बच्चे की हरकतों को समझने में भी समय लगता है, ऐसे में माता-पिता बच्चों से जुड़े न्यूज़, वर्टिकल और किताबें पढ़ते हैं। इस समय माता-पिता को सावधानी बरतनी चाहिए।
समाज में बच्चे को लेकर सालों से चले आ रहे मिथ पर अधिक भरोसा नहीं करना चाहिए। यह मिथ आपके और आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकते है। समाज में ऐसे कई मिथ है, जैसे-बच्चे के जब दाँत निकलते है तो उन्हें बुखार आ जाता है, उन्हें 3,4 महीने केवल आराम करना चाहिए। जरूरी नहीं जो दूसरे के बच्चे के साथ हुआ है इसा आपके बच्चे के साथ भी हो। इसलिए ऐसी अफवाओं से सावधानी बरतनी चाहिए।
आइए जानते है कुछ इसे ही मिथको के बारे में।
Common Myths About Babies
1. पेट के बल सोना
ऐसा माना जाता है कि नवजात को केवल पेट के बल सोने में ही आराम मिलता है। ऐसा नहीं है, बेबी अपने मन के हिसाब से कभी पेट के बल तो कभी सीधे सोते हैं। इसलिए आप इस बात का खास ध्यान रखें कि आप अपने बच्चे को वैसे ही सुनाएं जिसमें वह कंफर्टेबल महसूस करे।
2. वॉकर की मदद से चलना सीखना
हर चीज का एक निर्धारित समय होता है। समय आने पर बच्चा खुद कोशिश करके चलना सीख जाता है। यह गलत है कि वॉकर (Walker) की मदद से वह जल्दी चलना सीख जाएगा। पहले के समय में जब वॉकर वगैरह नहीं होते थे, तब भी बच्चे चलना सीखते थे, इसलिए यह सिर्फ एक अफवाह है इस पर यकीन ना करें।
3. नवजात को दिखाई नहीं देता
किसी भी जीव के जन्म के तुरंत बाद जब वह अपनी आंखें खोलता है तो उसे दिखाई देना शुरू हो जाता है। यह बोलना कि नवजात को दिखाई नहीं देता एक मिथ है। आपका बच्चा सब समझता है कि आप क्या बोल रहे हैं, क्या कर रहे हैं।
4. बोतल से दूध पिलाना
बच्चे को केवल बोतल से ही दूध पिलाना, यह एक मिथ है। यह बच्चे पर निर्भर करता है, कई बच्चे बोतल से दूध पीना पसंद करते हैं और कई बच्चे स्तनपान करना।
5. रोते वक्त बच्चा भूखा होता है
हर समय यह सोचना कि बच्चा रो रहा है तो वह भूखा होगा। असल में बच्चे कई वजह से रो सकते हैं जैसे कि पेट दर्द या चिड़चिड़ापन होना। हो सकता है आपके बच्चे को कोई चीज परेशान कर रही हो। इसलिए यह सोचना कि बच्चा भूखा है क्योंकि वह रो रहा है तो यह गलत है।