Daily routine for children: बच्चे बड़े शरारती होते हैं बच्चों के लिए इधर-उधर भागना और शरारत करना खेलकूद के लिए कभी भी मां से परमिशन लेना यह सब बच्चों के लिए बहुत आसान है, लेकिन ऐसे में बच्चे खाना पीना मिस कर देते कभी इधर-उधर का खा लिया तो बच्चा ठीक से खाना नहीं खाता है , कभी पढ़ाई नहीं करता है, तो कभी होमवर्क नहीं करता है।
अभी सबका निजात क्या है इसका सबसे सही तरीका है बच्चों के लिए एक डेली रूटीन बनाया जाए की कितने बजे से कितने बजे तक बच्चों को खेलना है कितने बजे से कितने बजे तक उसको खाना है कब होमवर्क करना है यह एक पेरेंट्स के लिए बड़ी जिम्मेदारी है इससे बच्चों का रूटीन सही रहेगा और उन्हें खेलने के लिए भी समय मिलेगा और पढ़ने के लिए और वह बहाने नहीं मारेगा इसलिए माता-पिता के लिए जरूरी है, आप बच्चों का एक डेली रूटीन बनाएं जिसमें सुबह से लेकर शाम तक कब कितने समय क्या करना है यह तय किया जाए।
ऐसा होना चाहिए रूटीन
बच्चों का डेली रूटीन ऐसा होना चाहिए जिसमें उन्हें खेलने खाना होमवर्क करना सब कुछ समय से दिया जाए सुबह मॉर्निंग में बच्चों को लंच दिया जाए अगर बच्चा स्कूल जाता है तो उसे लंच बॉक्स सुबह दिया जाए और स्कूल के लिए भेजा जाए, बच्चा स्कूल से आता है तो उसे खाने के बाद रेस्ट के लिए बोला जाए, उसके बाद थोड़ा बहुत खेलने के लिए बच्चा जाना जाता है तो उसे खेलने जाने दिया जाए, और श्याम को होमवर्क, और 9:00 बजते ही बच्चे को सोने के लिए बोल दिया जाए यह एक बच्चे के लिए रूटिंग है और यह एक सही तरीका है जिससे कि बच्चों को समय से खाने पीने और सोने की आदत लग जाएगी।
कैसे समझाएं बच्चे को
अब रूटिंग के हिसाब से बच्चा तो चलेगा नहीं अगर आपने कहा है कि आप इतने बजे खेलने नहीं जा और सकते इतने बजे जा सकते हैं, तो यहां बच्चा अपनी मर्जी से खेलने उठने बैठने और खाने के लिए मांगता है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि शुरू से इस बारे में बच्चों को समझाया जाए की रूटीन कितना जरूरी है उनका रूटिंग क्यों बनाया जा रहा है ताकि उनकी आदतें बेहतर हो यह सारी चीज बच्चों को प्यार से एक्सप्लेन की जाए ताकि वह खुद इसके फायदे समझ पाए