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Parenting Tips: बच्चों का रूटीन सेट करने के लिए अपनाएं यह टिप्स

बच्चों का रूटीन सेट करना उनके डेवलपमेंट और मेंटल हेल्थ के लिए काफी जरूरी है। अगर बढ़ती उम्र के साथ एक रूटीन को फॉलो करेंगे तो जीवन में उनके सक्सेसफुल होने के चांसेस और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं।

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Srishti Jha
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Parents involvement in teenager's relationships

Parenting Tips: बच्चों का रूटीन सेट करना उनके डेवलपमेंट और मेंटल हेल्थ के लिए काफी जरूरी है। अगर बढ़ती उम्र के साथ एक रूटीन को फॉलो करेंगे तो जीवन में उनके सक्सेसफुल होने के चांसेस और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं। आजकल बच्चे सोशल मीडिया और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ बिजी रहने के कारण एक नियमित रूटिंग फॉलो नहीं कर पाते हैं। इसीलिए योर पैरंट्स की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को रूटीन की अहमियत समझाकर फॉलो करवाएं। यहां कुछ ऐसे टिप्स दिए गए हैं जो बच्चों के रूटीन को सेट करने में मदद कर सकते हैं।

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बच्चों के रूटीन सेट करने के लिए अपनाए यह टिप्स

1.एक ही समय पर सोना और जागना 

बच्चों की रूटीन में रोज सोने और जागने का समय एक ही रखें। कई पेरेंट्स वीकेंड्स के दिन रूटीन में कुछ बदलाव कर देते हैं लेकिन आप यह सुनिश्चित करें कि वीकेंड्स में भी बच्चे उसी समय सोए और जागे। इससे एक रेगुलर साइकिल बना रहता है,और बच्चों को भी इसकी जल्दी आदत पड़ जाती है।

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2. पढ़ाई और खेल का बैलेंस बना रहे (Balance between work and fun activities)

ज्यादातर माता पिता बच्चों के रूटीन में पढ़ने का समय अत्यधिक रख देते हैं और खेल का समय न के बराबर होता है। जिससे बच्चों को उनका रूटीन बोरिंग लगता है और वह इसे लंबे समय तक फॉलो नहीं कर पाते हैं। इसीलिए रूटीन में पढ़ाई और खेल के समय का बैलेंस होना जरूरी है 

3. भोजन का हो तय समय

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सोने और जागने के समय के जैसा ही खाना खाने का समय हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसीलिए यह सुनिश्चित करें की आपके बच्चे प्रतिदिन एक ही समय पर खाना खा रहे हो। इससे उनकी पाचन क्रिया भी सुधरता है और बच्चे स्वस्थ रहते हैं तथा रोज भूख भी समय पर लग जाती है।

4.फैमिली मेंबर्स के साथ बीते टाइम (Spend time with family members)

हम सबके लिए अपने परिवारजनों के साथ समय बिताना काफी जरूरी है। अच्छा होगा अगर बच्चों को अभी से इसकी आदत लग जाए इससे उनके मानसिक विकास में भी तेजी आएगी। इसीलिए बच्चों की रूटीन में खेलने पढ़ने तथा अन्य कार्यों के साथ-साथ परिवार के साथ समय बिताना भी शामिल करें।

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5.स्क्रीन टाइम की हो डेडलाइन (Fix the deadline of screentime)

आजकल दोनों पेरेंट्स के वर्किंग होने के कारण वह अपना पूरा समय बच्चों को नहीं दे पाते हैं। जिससे बच्चे मोबाइल फोन, लैपटॉप तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ अपना ज्यादातर समय बिताते है। कम उम्र में ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना भविष्य में काफी हानिकारक हो सकता हैं। इसीलिए अपने बच्चों को अन्य गतिविधियों में भाग लेने को प्रेरित करें। और उनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के स्क्रीन टाइम को कम करें

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