माता-पिता कैसे दिलाएं खतरनाक गेमिंग लत से बच्चों को छुटकारा?

पेरेंटिंग: खासतौर पर 15 से 25 साल के उम्र की आबादी मोबाइल गेमिंग के प्रति काफी ज़्यादा आकर्षित है। हालांकि इस बढ़ते गेमिंग इंडस्ट्री ने छोटे और किशोर अवस्था के बच्चों के लिए खतरा पैदा कर दिया है।

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Ruma Singh
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(Image Credit- Freepik)

How To Protect Children From Dangerous Game? आजकल के बच्चों को वीडियो गेम काफी ज़्यादा पसंद है। खासतौर पर 15 से 25 साल के उम्र की आबादी मोबाइल गेमिंग के प्रति काफी ज़्यादा आकर्षित है। हालांकि इस बढ़ते गेमिंग इंडस्ट्री ने छोटे और किशोर अवस्था के बच्चों के लिए खतरा पैदा कर दिया है। पिछले कई सालों में अलग-अलग गेमिंग लत में फंस कर कई बच्चों ने अपनी जान दे दी हैं तो, वहीं कई बच्चों ने अपने जान को खतरे में डाला हैं। जिसे लेकर माता-पिता में अपने बच्चों को लेकर चिंताएं बढ़ चुकी हैं कि कैसे उन्हें गेमिंग लत से बाहर निकाला जाएं? 

माता -पिता कैसे दिलाएं खतरनाक गेमिंग लत से बच्चों को छुटकारा?

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अत्यधिक गेमिंग लत से बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, जो कि माता-पिता के लिए अधिक तनावपूर्ण हो सकता है। माता-पिता कुछ टिप्स को अपनाकर अपने बच्चों को खतरनाक गेमिंग लत से छुटकारा दिला सकते हैं। 

1. खेल के बारे में स्वस्थ बातचीत करें

माता-पिता जब भी गेम के प्रति अपनी निराशाजनक प्रतिक्रिया दिखाते हैं, तब बच्चे उनसे छिपाना शुरु कर देते हैं और गलत समझ लेते। उन्हें लगने लगता कि माता-पिता इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन मैं इसे करना चाहता हूं। माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें खेल के बारे में सही जानकारी दें और उनके साथ इस विषय पर खुल कर बात करें और इसके नुकसान भी बताएं। 

2. समय-सीमा निर्धारित करें

माता-पिता को सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों को कब गेम खलना चाहिए। उनके लिए एक समय सीमा निर्धारित करें और निश्चित करें कि समय सीमा के बाद बच्चे गेम न खेलें। 

3. बाहरी गतिविधियों के लिए प्रेरित करें

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बच्चों को घर में वीडियो गेम खेलने के बजाए उन्हें आउटडोर गेम जैसे- क्रिकेट, कबड्डी, बैडमिंटन, टेनिस आदि के लिए प्रेरित करें। इस तरह के गेम को खेलने से बच्चों की शारिरीक फिटनेस भी अच्छी रहेंगी। 

4. बच्चों को करें जागरुक

माता-पिता अपने बच्चों को खतरनाक गेमिंग का नुकसान बता कर उन्हें जागरुक करें। आप सुनिश्चित करें कि आप अपने बच्चों को अधिकतर समय तक अकेला न छोड़े। जब बच्चे साथ हो तो खुद भी मोबाइल से दूरी बनाएं रखें। 

5. इन हरकतों पर रखें नजर

आपके द्वारा पूछे जाने पर बच्चा अगर स्क्रीन बदल दें तो ध्यान रखें कि बच्चा कुछ ऐसा कर रहा जो गलत है। सबसे पहले आप उस गेम के एप की ऐज रेटिंग ज़रुर जांच लें कि वह गेम आपके बच्चे के उम्र के हिसाब से सही है या नहीं। सही नहीं होने पर उसे गेम न खेलने दें।

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