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बच्चों में Early Adulthood को कैसे रोकें?

अक्सर देखा जाता है कि इस जनरेशन के बच्चों में Adulthood जल्दी होता है जो की ठीक नहीं है। Early Adulthood से बच्चों में मानसिक तनाव और डिप्रेशन भी हो सकता है। आइये जानते हैं बच्चों में Early Adulthood को कैसे रोका जाए?

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Anshika Pandey
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How To Stop Early Adulthood In Children?

(Image Credit: Freepik)

How To Stop Early Adulthood In Children?: इंटरनेट की इस जनरेशन में बच्चों का स्क्रीन टाइम बहुत बढ़ गया है। पेरेंट्स अपने बच्चों के सुपरविजन के लिए बहुत कुछ करते हैं पर कई बार लापरवाही के चलते बच्चों का बचपन उनसे दूर होते चले जाता हैं। वह इंटरनेट के जरिए भी हो सकता है। उनके फ्रेंड सर्कल के भी जरिए बच्चे अक्सर कुछ गलत सीखने लग जाते हैं। अक्सर देखा जाता है कि इस जनरेशन के बच्चों में Adulthood जल्दी होता है जो की ठीक नहीं है। बच्चों को उनके बचपन में ही रहना चाहिए। Early Adulthood से बच्चों में मानसिक तनाव और डिप्रेशन भी हो सकता है। आइये जानते हैं बच्चों में Early Adulthood को कैसे रोका जाए?

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बच्चों में Early Adulthood को कैसे रोकें?

1. कॉन्टेंट सुपरविज़न

बच्चे टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर या टैबलेट में जो भी कंटेंट देखते हैं उसका सुपरविजन करें। नॉर्मल एप्प इस्तेमाल करने के बजाय उनके लिए किड्स ऐप अवेलेबल करें। टीवी पर उनके लिए सिर्फ किड्स चैनल ही अवेलेबल रखें। समय-समय पर कंटेंट चेक भी करें।

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2. कम्युनिकेशन

बच्चों के साथ कम्युनिकेशन करना बहुत इंपॉर्टेंट है इससे उनके माइंडसेट और आपके गैर मौजूदगी में उनके आसपास होने वाली चीजों के बारे में पता चलता है। यह जानना बहुत जरूरी है क्योंकि बच्चे अपने आसपास की चीजों को अब्जॉर्ब करते हैं और वैसे ही रिएक्ट करते हैं क्योंकि वह उनसे सीखते हैं। चाहे वह सही हो या गलत। कम्युनिकेशन यह जानने का सबसे अच्छा तरीका है।

3. फ्रैंड सर्कल 

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बच्चे अपने फ्रेंड सर्कल में बहुत सी चीज सीखते हैं जैसे कि बिहेवियर,आदतें, मैनर्स आदि। वह वही सीख लेते हैं जो उनके फ्रेंड सर्कल में होता है। उन्हें गलत या सही का अंदाजा नहीं होता। ऐसे में पेरेंट्स को या इंश्योर करना चाहिए कि बच्चों का फ्रेंड सर्कल कैसा है? 

4. किड्स चैनल

टीवी बच्चों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और पेरेंट्स में भी एक ट्रस्टेड एंटरटेनमेंट का जरिया है। जिससे बच्चे कोई भी कंटेंट ग्रहण करते हैं जो कि उनकी मेंटल हेल्थ के लिए ठीक नहीं होता। इसलिए जरूरी है कि पेरेंट्स इंश्योर करें कि बच्चों के लिए टीवी में केवल किड्स चैनल ही अवेलेबल हो।

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5. पेरेंट्स टीचर मीटिंग 

बच्चे अपने दिन भर का आधा समय स्कूल में बिताते हैं और बहुत सी चीज वो स्कूल से भी सिखते हैं। उनका बिहेवियर, पढ़ाई को लेकर के ध्यान या क्लास में उनका अटेंशन जानने के लिए बच्चों के टीचर से बात करना जरूरी है। वीकली या मंथली पेरेंट्स टीचर मीटिंग करना बहुत जरूरी है। इससे आपकी गैर मौजूदगी में बच्चों के बिहेवियर के बारे में पता चलता है।

6. एजुकेट

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बच्चों को सभी एडल्ट चीजों से अलग रखना थोड़ा मुश्किल होता है। यह ज़रूरी भी नहीं कि बच्चे ये सारी चीजें घर में ही सीखें। बाहर के लोगों से इंटरेक्शन में भी कई बार वह गलत चीजों को फेस करते है। इसीलिए यह जरूरी है कि बच्चों को इस गलत और सही का फर्क बताया जाए। उनसे बिना हिचकिचाए, शर्माए खुलकर बताएं कि उन्हें किन चीजों से दूर रहना है। उन्हें यह पता होना चाहिए कि यदि कोई उन्हें कुछ गलत बताता है यह सिखाता है तो उन्हें तुरंत अपने माता-पिता से वह बात बतानी है।

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