//hindi/media/media_files/V5Wayz4yge1QdkcdBPeS.jpg)
एक स्टडी के मुताबिक, 'कई वर्किंग मॉम्स का मानना है कि उनकी परफॉर्मेंस को नेगिटिवली जज किया जाता है, क्योंकि उन्हें घर की जिम्मेदारियों को भी संभालना होता है, ऐसा उनके साथ वर्किंग डैड्स से ज्यादा होता है।'हमारा मानना है कि घर, बच्चों और ऑफिस को एक साथ संभालना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में इन मॉम्स की मुश्किलें ना बढ़ाकर उन्हें जितना सपोर्ट किया जाए, हेल्प की जाए, उतना बेहतर। यहां कुछ टिप्स बता रहे हैं जिन्हें ट्राय कर आप खुद अपने कंधों से थोड़ा बोझ कम कर सकती हैं।
Working Mother Tips: घर और काम के बीच कैसे संभालें बच्चा
प्लानिंग के साथ करें काम
आप पहले से ही अपने काम और घर संभालने के साथ-साथ बच्चे की जिम्मेदारी उठाने वाली है। यह तो आपको पहले से ही पता है, इसीलिए खुद को इस तरह से तैयार करें की आप हर तरह की जिम्मेदारी को बखूबी निभा पाएं। अगले दिन की प्लानिंग एक रात पहले कर लें, इससे आप पहले से रेडी रहेंगी कि आज आपको क्या काम पहले करना है और क्या आप बाद में भी कर सकती हैं। क्योंकि अचानक आए काम हमेशा स्ट्रेस बढ़ाते हैं। कभी-कभार आराम भी जरूरी है, इसीलिए लिस्ट बनाएं और अपनी प्रायोरिटीज़ लिखें। इससे आपको पता चल जाएगा कि क्या काम आपके लिए जरूरी है और किन्हें आप किसी और से करा सकती हैं।
खुशियों पर हो फोकस
वर्किंग मॉम्स का काम कभी खत्म नहीं होता, नॉनस्टॉप लगा ही रहता है। ऑफिस से थक कर घर आये तो घर का काम फिर बेबी को सम्भालों यह तो हर दिन लगा रहता है। लेकिन आप हमेशा एक तय वक्त के लिए अपनी जरूरतों पर फोकस करें। ओवरबर्डन होने से ना आप खुद को खुश रख पाएंगी, ना ऑफिस काम ठीक से कर पाएंगी और ना ही अपने बच्चे का ध्यान रख पाएंगी। इसीलिए कोशिश करें की बच्चे को, घर को और फॅमिली को भी कुछ स्पेशल टाइम दें। याद रखें की इन सब के बीच आपकी खुशियां भी इम्पोर्टेन्ट है। इसीलिए वह भी करें जो आपको ख़ुशी देता है। अपनी स्ट्रेंथ एंड वीकनेस की लिस्ट बनाएं और उसी के मुताबिक चलें। साथ ही याद रखें कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता।
मेन्टल हेल्थ का रखें ख्याल
काम का प्रेशर आपको कई बार स्ट्रेस दें सकता है। घर, ऑफिस, बच्चा और फैमली भले ही आपकी जिम्मेदारियां कई हैं लेकिन इसमें खुद को बाटता हुआ देखर आपको स्ट्रेस हो सकता है। इस तरह आपके मेन्टल हेल्थ पर बुरा असर होता है। इसीलिए कोशिश करें तो अपने पार्टनर की हेल्प ले। उनको बताएं की आप किस दौर से गुजर रही हैं और आप इस वक़्त क्या फील कर रही हैं। अगर जरूरत पड़े तो प्रोफेशनल्स की हेल्प लें। इस फील्ड में ट्रेंड साइकोलॉजिस्ट्स और एक्सपर्ट्स आपको इस परेशानी में राहत पाने में हेल्प करेंगे।