Parenting Tips: बच्चे बहुत जल्दी सारी चीजों को आसानी से अपने दिमाग में समा लेते हैं जिस वजह से उनके सामने सारी चीजों को सोच समझकर करना चाहिए इसलिए भूल कर भी कभी उनके सामने कभी लड़ना नहीं करना चाहिए
भूल कर भी ना लड़े बच्चों के सामने
बच्चों को जो सिखाया जाता है आसानी से सीख लेते हैं क्योंकि उनकी उम्र जीवन के उसे पड़ाव में होती है जहां वह सब कुछ आसानी से याद कर लेते हैं इसीलिए भूल कर भी कभी बच्चों के सामने लड़ना नहीं चाहिए क्योंकि उसे उनमें कुछ ऐसे प्रभाव पड़ते हैं जिनके बारे में आज हमें इस आर्टिकल में बात करेंगे
इनसिक्योरिटी
पेरेंट्स का लड़ना बच्चों के लिए उनके मन में इन सिक्योरिटी पैदा कर देता है जो उनका घर में रहने से ही सुरक्षित महसूस नहीं करता है जिससे वह हर चीज को लेकर संकोच करते हैं और अपनी फैमिली में बताने से भी डरते हैं
कम्युनिकेशन स्किल
बच्चे बहुत ही जल्दी चीजों को अडॉप्ट कर लेते हैं इसीलिए उनके सामने लड़ने से वह उसी भाषा को लेकर अपने मन में बैठा लेते हैं और अपने डेली बातचीत के स्टाइल में भी वैसे ही बातें को प्रयोग करते हैं जैसा की लड़ाई के वक्त उनके माता-पिता लड़ने के समय
स्ट्रेस
घर में आए दिन झगड़ा देखकर बच्चों में भी बहुत सारे स्ट्रेस उत्पन्न होने लगते हैं जिस वजह से उनका किसी भी चीज में मन नहीं लगता है और ज्यादा से ज्यादा स्ट्रेस लेने की वजह से उनकी पढ़ाई पर भी फर्क पड़ता है और उनकी डेली एक्टिविटी में भी अपने परेशानी का सामना करना पड़ता है
रिश्तो में दरार आना
घर में एक अच्छा माहौल बनने से बच्चे अपने माता-पिता से ज्यादा जुड़े रहते हैं अगर कहीं माता-पिता ज्यादा की लड़ाई पर ध्यान देंगे तो बच्चे और पेरेंट्स के रिश्तो में दरार आ जाती है जिससे वह कभी भी अपने पेरेंट्स पर ट्रस्ट नहीं कर पाते हैं और उनका कोई भी बात बताने से पहले बहुत बार संकोच करते हैं और बातें छुपाने शुरू कर देते हैं
किसी की रिस्पेक्ट ना करना
बच्चे जो भी चीज घर पर देखते हैं इस चीज को बाहर भी लागू करते हैं अगर वह देखेंगे कि उनके पेरेंट्स ही किसी की रिस्पेक्ट नहीं कर रहे हैं तो वह भी बाहर जाकर किसी की रिस्पेक्ट नहीं करेंगे और यहां तक कि वह अपने घर पर भी अपने माता-पिता के रिस्पेक्ट करना बंद कर सकते हैं