Single Child Parenting Tips: बच्चे की परवरिश के लिए कुछ टिप्स

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कुछ वक्त पहले तक फैमिली में तीन या चार बच्चे होना काफी नॉर्मल सी बात होती थी। तीन चार भाई बहनों वाले परिवार को भरा पूरा माना जाता था और इकलौते बच्चे को अक्सर अकेला, बिगड़ैल और सामाजिक रूप से अयोग्य समझा जाता था।  लेकिन वक्त के साथ सोच बदली। अब ज्यातर फॅमिली सिंगल चाइल्ड को ही प्रेफर करते हैं;चाहे वह लड़का हो या लड़की। अब छोटे यानि नुक्लिएर फॅमिली का कांसेप्ट जबसे आया है तब से सिंगल चाइल्ड का चलन बढ़ गया है। अब पति-पत्नी एक ही बचा करना चाहते हैं। इसके पीछे उनकी सोच यह है की एक ही बच्चे पर वह अपना पूरा फोकस देना चाहते हैं। 

Single Child Parenting Tips: बच्चे की परवरिश के लिए कुछ टिप्स 

1. सोशल इंटरेक्शन का टाइम दें 

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 एक अध्ययन में पाया गया कि अकेले  बच्चे के सोशल स्किल खराब होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने इकलौते बच्चे को ऐसे माहौल दें जहां उनका सोशल इंटरेक्शन बढ़े। उन्हें कम उम्र से ही अपने साथियों के साथ बातचीत करने का मौका देना, उस कमी को दूर करने में मदद कर सकता है। 

2. इंडिपेंडेंट और कॉन्फिडेंट बनायें 

अगर बच्चा इकलौता है तो पेरेंट्स का पूरा टाइम और अटेंशन उन्हीं पर होता है। कई बार ऐसे बच्चों को जैसे स्पून फीडिंग की आदत पड़ जाती है। क्योंकि पेरेंट्स ही उनके लिए सब कुछ कर देते हैं को यह उन्हें डिपेंडेंट और आलसी बना सकता है। इसीलिए, कम उम्र से ही बच्चे को इंडिपेंडेंट बनने के लिए प्रोत्साहित करें जैसे- खुद से नहाना, वार्डरॉब सेट करना आदि।

3. जिद्दी न बनने दें

अक्सर देखा गया है की सिंगल चाइल्ड ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं। ऐसा इसीलिए क्यूंकि पेरेंट्स अपना सारा प्यार और दुलार केवल एकलौते बच्चे पर ही लुटाते हैं। बचपन से खुद को इतना इम्पोर्टेंस मिलता देख सिंगल चाइल्ड दूसरे बच्चों के मुकाबले में ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं। कई बार जिद्द पूरी ना होने पर पैर पटकना, गुस्सा दिखाना आम बात है लेकिन आपको एक प्रैक्टिकल अप्रोच अपनाते हुए उन मांगों को पूरा करने से बचना है जो आपको अनुचित लगती हैं। नहीं का मतलब नहीं है यह समझना और समझाना आप दोनों के लिए ज़रूरी है। 

4. पेट रखें 

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कई बार बच्चे जब बहार घूमने या पार्क में खेलने जाते हैं तो उनका वह अपनी उम्र के दूसरे बच्चों के साथ खूब मन लगता है। खास कर सिंगल चाइल्ड को घर पर अकेलापन महसूस होता है। इसीलिए आप एक पेट रखने के बारें में सोच सकते हैं। चाहे कोई डॉग हो या कोई अन्य पेट, अगर घर में कोई दूसरा भी रहेगा तो बच्चे का मन लगा रहेगा और उसे कभी भी अकेलापन नहीं महसूस होगा। अगर आप दोनों वर्किंग हैं और बच्चे का ज़यादा वक्त टीवी या फोन में व्यतीत हो रहा है तो अकेलेपन की भावना पैदा न हो इसके लिए घर में पेट एनिमल जैसे कुत्ता या बिल्ली लाकर बच्चे के अकेलेपन को कम किया जा सकता है। ऐसा कर कंपनी भी मिलेगी और उसे डिजिटल उपकरणों से भी दूर रख सकता है।  

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