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Parenting Tips: बच्चों के साथ बहस करते हुए पेरेंट्स को ध्यान रखनी चाहिए ये 5 बातें

बच्चों के साथ बहस करते समय पेरेंट्स को कई महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए ताकि यह प्रक्रिया सकारात्मक और स्वस्थ रहे। बच्चे भी भावनात्मक और मानसिक रूप से प्रभावित होते हैं।

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Pushpa Chauhan
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Arguing with children

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Parents Should Keep These 5 Things In Mind While Arguing With Children: बच्चों के साथ बहस करते समय पेरेंट्स को कई महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए ताकि यह प्रक्रिया सकारात्मक और स्वस्थ रहे। बच्चे भी भावनात्मक और मानसिक रूप से प्रभावित होते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम उनकी भावनाओं का सम्मान करें और बहस को सही दिशा में मार्गदर्शित करें। बच्चों के साथ बहस करते समय पेरेंट्स को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि संवाद सकारात्मक और प्रभावी रहे। 

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बच्चों के साथ बहस करते हुए पेरेंट्स को ध्यान रखनी चाहिए ये 5 बातें

1. शांत और संयमित रहें

शांत और संयमित रहना किसी भी बहस या विवाद को सकारात्मक और समाधानकारी दिशा में ले जाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल आपके और आपके बच्चे के बीच के संवाद को बेहतर बनाता है, बल्कि यह आपके बच्चे को भी सीखने और समझने में मदद करता है कि तनावपूर्ण परिस्थितियों को कैसे संभालना है।बच्चों के साथ बहस करते समय शांत रहना जरूरी है। गुस्से में आकर बोलने से बात और बिगड़ सकती है। अपनी आवाज को न उठाएं और धैर्य से सुनें।

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2. समझदारी से सुनें

समझदारी से सुनना पेरेंटिंग और किसी भी प्रकार के प्रभावी संवाद का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब आप अपने बच्चे की बातों को ध्यान से और समझदारी से सुनते हैं, तो यह न केवल उनके आत्म-सम्मान को बढ़ाता है, बल्कि यह बेहतर समझ और संचार की दिशा में भी मदद करता है। बच्चों को ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं और विचारों को समझने की कोशिश करें। इससे बच्चे महसूस करेंगे कि उनकी बातों का महत्व है और आप उनकी भावनाओं की कद्र करते हैं।

3. स्पष्ट और सरल भाषा का उपयोग करें

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 स्पष्ट और सरल भाषा का उपयोग किसी भी संवाद को अधिक प्रभावी और समझने योग्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विशेष रूप से जब बात बच्चों से होती है, तो सरल और स्पष्ट भाषा से उनके लिए समझना और अपनी भावनाएँ व्यक्त करना आसान हो जाता है।बच्चों से बात करते समय उनकी उम्र के अनुसार भाषा का प्रयोग करें। जटिल शब्दों और अवधारणाओं से बचें ताकि वे आपकी बातों को आसानी से समझ सकें।

4. नियम और अपेक्षाएं स्पष्ट करें

 नियम और अपेक्षाएँ स्पष्ट करना एक प्रभावी पेरेंटिंग तकनीक है जो बच्चों को अनुशासन और जिम्मेदारी समझने में मदद करती है। स्पष्ट नियम और अपेक्षाएँ बच्चों को यह बताती हैं कि उनसे क्या उम्मीद की जाती है, जिससे वे अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। स्पष्ट करें कि आप उनसे क्या उम्मीद करते हैं और क्यों। नियमों और अपेक्षाओं को समझाने से बच्चे अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को बेहतर समझ पाते हैं।

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5. संवेदनशीलता और सहानुभूति

 संवेदनशीलता और सहानुभूति पेरेंटिंग में अत्यंत महत्वपूर्ण गुण हैं। ये गुण बच्चों के साथ सकारात्मक और समझदारी भरे संबंध स्थापित करने में मदद करते हैं, और उनकी भावनात्मक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चों की भावनाओं को समझने और उन्हें स्वीकार करने की कोशिश करें। सहानुभूति दिखाने से बच्चों के साथ आपका संबंध मजबूत होता है और वे आपकी सलाह को ज्यादा समझते हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए, पेरेंट्स बच्चों के साथ सकारात्मक और स्वस्थ संवाद बना सकते हैं, जिससे उनके बीच की समझ और सम्मान बढ़ेगा।

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