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बच्चे अच्छी पढ़ाई करें इसके लिए पैरेंट्स करें ये काम

बच्चों का पढ़ाई में मन लगाना एक बड़ी चुनौती है, जिसका सामना हर पैरेंट को करना पड़ता है। कुछ बच्चे पढ़ाई में रूचि लेते हैं, तो कुछ बच्चे पढ़ाई को बोझ समझते हैं। पढ़ाई में मन लगाने के लिए बच्चों को उत्साहित, प्रेरित और समर्थित करना जरूरी है।

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Kumkum
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Role Of Parents In Teaching Children (Image Credit: Pinterest)

Role of parents in teaching children: बच्चों का पढ़ाई में मन लगाना एक बड़ी चुनौती है, जिसका सामना हर पैरेंट को करना पड़ता है। कुछ बच्चे पढ़ाई में रूचि लेते हैं, तो कुछ बच्चे पढ़ाई को बोझ समझते हैं। पढ़ाई में मन लगाने के लिए बच्चों को उत्साहित, प्रेरित और समर्थित करना जरूरी है। इसके लिए पैरेंट्स को कुछ आसान और प्रभावी उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बच्चे की पढ़ाई में मन लगाने के लिए पैरेंट्स को कौन-कौन से काम करने चाहिए।

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बच्चे अच्छी पढ़ाई करें इसके लिए पैरेंट्स करें ये काम

1. अपने बच्चों के साथ समय बिताए

पैरेंट्स को बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए। बच्चों को अपने पैरेंट्स का प्यार, ध्यान और सहानुभूति की जरूरत होती है। पैरेंट्स को बच्चों के साथ बातचीत करनी चाहिए, उनकी रुचियों, भावनाओं और समस्याओं को जाननी चाहिए, उनके साथ खेलना, पढ़ना और हंसना चाहिए। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनका मानसिक विकास होता है और वे पढ़ाई में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं।

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2. पढ़ाई का माहौल बनाए

पैरेंट्स को बच्चों की पढ़ाई का माहौल बनाना चाहिए। बच्चों को पढ़ाई के लिए एक शांत, साफ़ और सुव्यवस्थित जगह देनी चाहिए। बच्चों को पढ़ाई के लिए आवश्यक सामग्री जैसे किताबें, कॉपी, पेन, पेंसिल, रूलर, शार्पनर, इरेजर आदि उपलब्ध करानी चाहिए। इसके अलावा उनके पढ़ने के लिए एक निश्चित समय तय करना चाहिए, जिसमें वे बिना किसी बाधा या विचलन के पढ़ सकें। और इसके बीच-बीच में उन्हें छोटे-छोटे ब्रेक देने चाहिए, जिसमें वे थोड़ा आराम कर सकें, या अपना कोई खेल खेल सकें। इससे बच्चों का मन ताजा रहता है और वे पढ़ाई में ज्यादा ध्यान दे पाते हैं।

3. अपने बच्चों की पढ़ाई में हेल्प करें

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पैरेंट्स को बच्चों की पढ़ाई में मदद करना चाहिए। बच्चों को पढ़ाई में कभी-कभी कुछ समझ में नहीं आता है, या वे किसी टॉपिक या सवाल पर अटक जाते हैं। ऐसे में पैरेंट्स को उनकी मदद करनी चाहिए, उनके सवालों का जवाब देना चाहिए, उनके कॉन्सेप्ट को क्लियर करना चाहिए, या उन्हें उदाहरण या चित्रों की मदद से समझाना चाहिए। इससे उन्हें मुश्किल टॉपिक समझने में भी आसानी होती है। 

4. कम्युनिकेशन का महत्व 

रेगुलर कम्युनिकेशन और फीडबैक के माध्यम से पैरेंट्स बच्चों के विकास को समझ सकते हैं और उन्हें सही दिशा में गाइड कर सकते हैं।

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