Solution to increasing irritability in children: आज के बदलते परिवेश में बच्चों में चिड़चिड़ापन एक सामान्य समस्या बनती जा रही है। कई बार इसके पीछे माता-पिता, शिक्षकों और समाज की अपेक्षाएँ होती हैं, जबकि कई बार बच्चों का खान-पान और जीवनशैली भी इसका कारण हो सकता है। बच्चों के चिड़चिड़ेपन को समझकर सही दिशा में प्रयास करने से उनकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।
बच्चों में बढ़ते चिड़चिड़ापन के समाधान
1. प्यार और संवाद की कमी को पूरा करें
बच्चों को प्यार और समझ की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। जब वे किसी कारण से चिड़चिड़े होते हैं, तो यह आवश्यक है कि माता-पिता और शिक्षक उनसे संवाद करें और उनकी बात सुनें। उनके मन की भावनाओं को समझकर, बच्चों को यह महसूस कराएं कि वे किसी भी परिस्थिति में अकेले नहीं हैं और उन्हें पूरा समर्थन मिलेगा।
2. स्वस्थ खान-पान पर ध्यान दें
बच्चों की खान-पान की आदतें उनके मिजाज पर प्रभाव डालती हैं। ज्यादा जंक फूड और शक्कर युक्त चीजों का सेवन बच्चों को ऊर्जा के बजाय चिड़चिड़ापन देता है। बच्चों के आहार में फल, सब्जियां, दूध, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। सही खान-पान से बच्चों का मानसिक संतुलन ठीक रहता है और उनका मूड भी स्थिर रहता है।
3. शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा दें
बच्चों के लिए शारीरिक गतिविधियां जैसे खेल, दौड़ना या योगा उनके तनाव को कम करती हैं। ये गतिविधियाँ न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें मजबूत बनाती हैं। बच्चों के साथ समय बिताकर उन्हें प्रेरित करें कि वे खेल-कूद में रुचि लें और खुद को व्यस्त रखें।
4. सोने का सही समय और आराम
नींद की कमी भी बच्चों में चिड़चिड़ेपन का कारण बन सकती है। बच्चों को पर्याप्त आराम और रात में आठ से नौ घंटे की नींद मिलना चाहिए। सोने के समय को नियमित रखना उनकी दिनचर्या को स्थिरता देता है, जिससे वे मानसिक रूप से ताजगी महसूस करते हैं।
5. स्क्रीन टाइम को सीमित करें
अत्यधिक स्क्रीन टाइम बच्चों के मानसिक विकास पर बुरा असर डालता है और उन्हें चिड़चिड़ा बना सकता है। इसलिए, बच्चों को मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम से दूर रखकर बाहरी गतिविधियों में व्यस्त करना चाहिए। इससे बच्चों का ध्यान भी बंटेगा और वे अधिक सकारात्मक महसूस करेंगे