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माता-पिता और बच्चे के संबंधों पर टेक्नोलॉजी का प्रभाव

आधुनिक दुनिया में टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का एक अटूट अंग बन चुका है, इसका असर बच्चों और माता-पिता के रिश्तों पर भी स्पष्ट रूप से दिखता है l पहले जो शाम का वक़्त परिवार के साथ बातचीत में बीतता था, अब वो मोबाइल या टीवी देखने में चला जाता है l

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Anusha Ghosh
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Technological impact : आधुनिक दुनिया में टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का एक अटूट अंग बन चुका है, इसका असर बच्चों और माता-पिता के रिश्तों पर भी स्पष्ट रूप से दिखता है। इसने माता-पिता और बच्चों के रिश्तों पर भी असर डाला है, पहले जो शाम का वक़्त परिवार के साथ बातचीत में बीतता था, अब वो मोबाइल या टीवी देखने में चला जाता है, इससे न सिर्फ माता-पिता बच्चों को पूरा समय नहीं दे पाते, बल्कि बच्चों का ध्यान भी गैजेट्स पर रहता है, जिससे उनके बीच का आपसी लगाव कम होता जा रहा है। आइए देखें कि टेक्नोलॉजी इन रिश्तों के अलग-अलग पहलुओं को कैसे प्रभावित करती है-

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माता-पिता और बच्चे के संबंधों पर टेक्नोलॉजी का प्रभाव

1.असमझ और दूरी

टेक्नोलॉजी के अधिक प्रयोग से माता-पिता और बच्चों के बीच एक दीवार खड़ी हो सकती है। बच्चे स्क्रीन से चिपके रहते हैं और माता-पिता भी अपने फोन में व्यस्त रहते हैं, जिससे उनके बीच बातचीत कम हो जाती है। इससे बच्चे अपने माता-पिता की भावनाओं को समझने में असमर्थ हो सकते हैं और उनसे दूर महसूस कर सकते हैंl साथ ही, माता-पिता को यह भी नहीं पता चल पाता कि उनके बच्चे ऑनलाइन क्या कर रहे हैं, जिससे गलत आदतें सीखने या परेशानी में फँसने का खतरा रहता है।

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2. अनुचित सामग्री के संपर्क में आना

टेक्नोलॉजी के माध्यम से, बच्चे अनजान और अनुचित सामग्री से आसानी से संपर्क में आ सकते हैं। इंटरनेट पर अनुचित वेबसाइट्स, गेम्स या ऐप्स का उपयोग करने से उन्हें अशिक्षा, हिंसा, या अन्य अनुचित सामग्री से परिचित हो सकता है। यह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और विकास को प्रभावित कर सकता है, और माता-पिता को भी इस सामग्री को संवेदनशीलता और सुरक्षा के लिए पहचानने और कंट्रोल करने में कठिनाई हो सकती है। 

3.वैल्यू और मूल्यों की हानि

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टेक्नोलॉजी के उपयोग से बच्चे अपने परिवार के मूल्यों और वैल्यूज से दूर हो सकते हैं। जब बच्चे अधिक समय इंटरनेट पर या वीडियो गेम्स में बिताते हैं, तो उन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने, साझा एक्टिविटी में हिस्सा लेने, और उनके साथ वैल्यूज अनुभवों को महसूस करने का समय नहीं मिलता। इससे बच्चे परिवार के मूल्यों को समझने और सम्मान करने में कमजोर हो सकते हैं, जिससे उनके और माता-पिता के बीच संबंध में भ्रम पैदा हो सकता है।

4. समय की कमी

टेक्नोलॉजी के उपयोग से बच्चे और माता-पिता दोनों के पास अब अपने साथ समय बिताने के लिए कम समय है। बच्चे अक्सर स्मार्टफोन, कंप्यूटर या टैबलेट पर व्यस्त रहते हैं, जिससे वे अपने माता-पिता और बच्चे के बीच सम्बंध में दूरी बढ़ती है और वे एक दूसरे की जरूरतों और भावनाओं को समझने में असमर्थ हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, परिवार के अक- सर सदस्य समय की कमी के कारण असंतुष्टि महसूस कर सकते हैं।

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5.स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्य और उनके माता-पिता के लिए टेक्नोलॉजी का अधिक उपयोग उनकी स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है। लंबी समय तक स्क्रीन पर देखने से बच्चों और  माता-पिता की आँखों में दिक्कतें हो सकती हैं। साथ ही, बच्चे अधिक समय बैठे रहने से उनकी पीठ और गर्दन में दर्द और दबाव हो सकता है। इसके अलावा, ज्यादा स्क्रीन टाइम के कारण बच्चों की शारीरिक एक्टिविटी में कमी आ सकती है, जो उनकी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। 

6.संवेदनशीलता की कमी

टेक्नोलॉजी के अधिक उपयोग से बच्चे और माता-पिता दोनों की संवेदनशीलता में कमी आ सकती है। बच्चे अधिक समय अपने डिजिटल डिवाइस पर बिताते हैं, जिससे उन्हें अपने माता-पिता और परिवार के साथ वास्तविक जीवन में होने वाली घटनाओं को समझने में मुश्किल हो सकती है। इससे बच्चे और माता-पिता दोनों के बीच संवेदनशीलता, विश्वास और सम्मान की कमी होती है।

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