These Things Can Have A Negative Impact On Lives Of Children (Parenting): बच्चे मन से बहुत ही कोमल होते हैं। उनके जीवन पर किसी भी चीज का बहुत जल्द प्रभाव पड़ता है। वो लोगों को देखकर उन्हीं चीजों को जल्द से जल्द सीख लेते हैं। ऐसे में अगर वे किसी तरह के गलत सम्पर्क में आ जाएँ या फिर वो किसी चीज को गलत तरीके से समझ लें तो बचपन से इसका उनके मन पर गलत इफ्फेक्ट पड़ता है। इससे उनपर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए माता-पिता के लिए यह ध्यान रखना आवश्यक है कि वे अपने बच्चों को ऐसी चीजों से दूर रखें जो उनके मन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं या फिर उनके भविष्य के लिए सही नहीं हो सकते हैं। बच्चों को अच्छे और बुरे के बारे में उतनी जानकारी नहीं होती कि वे सही चीजों को डिसाइड कर सकें ऐसे में पेरेंट्स के लिए जरूरी है कुछ बातों का ध्यान रखना।
इन बातों का बच्चों के जीवन पर हो सकता है गलत असर
1. दुर्व्यवहार और उपेक्षा की जानी
किसी भी बाचे के लिए दुर्व्यवहार एक बहुत ही बुरा अनुभव हो सकता है। शारीरिक, भावनात्मक या यौन शोषण, साथ ही उपेक्षा जैसी चीजें बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर और स्थायी प्रभाव डाल सकती है। इससे आपका बच्चा नकारात्मक प्रभाव का शिकार भी बन सकता है।
2. गरीबी
गरीबी में बड़ा होने से बच्चे की शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और उचित पोषण तक पहुंच सीमित हो सकती है, जिससे उनके सम्पूर्ण विकास और भविष्य के अवसरों पर असर पड़ता है। बचपन से अपने बच्चों के मन पर ऐसी चीजों को असर न करने दें यदि आप समस्या में भी हैं तो उन्हें इस चीज से दूर रखें।
3. माता-पिता में तलाक या पारिवारिक अस्थिरता
पारिवारिक व्यवधान जैसे- तलाक या माता-पिता में लगातार झगड़े बच्चों में भावनात्मक तनाव और असुरक्षा पैदा कर सकते हैं। इसलिए बच्चों को इस चीज से दूर रखें और कोशिश करें कि अपने परिवार और घर में सुख शांति वाला एक अच्छा माहौल रहे।
4. हिंसा के संपर्क में आना
घर पर, आस पास में या मीडिया के माध्यम से हिंसा देखना बच्चों में आघात और भावनात्मक संकट का कारण बन सकता है। इससे बच्चों के मन पर बुरा असर हो सकता है और वे बच्चे आगे चलकर हिंसा में लिप्त भी हो सकते हैं।
5. मादक द्रव्यों का सेवन
ऐसे घर में रहना जहां मादक द्रव्यों का सेवन होता है। बच्चों के लिए अस्थिर और असुरक्षित वातावरण पैदा कर सकता है। ऐसे परिवार में रहने वाले बच्चे बड़े होकर या फिर बचपन से ही ऐसी चीजों के सम्पर्क में आते हैं और स्वयं भी उनका सेवन कर सकते हैं।
6. भेदभाव
जो बच्चे नस्ल, जातीयता, लिंग, यौन अभिविन्यास या अन्य कारकों के आधार पर भेदभाव का सामना करते हैं, वे कम आत्मसम्मान और बहिष्कार की भावना का अनुभव कर सकते हैं।