Advertisment

ऐसी बातें पेरेंट्स को अपने बच्चे से नहीं कहनी चाहिए, होता है गलत असर

author-image
Swati Bundela
New Update

अक्सर हम गुस्से में अपने बच्चों को काफी बुरा भल कह देते हैं या उनको काफी डाँट लगा देते हैं। लेकिनक्या आप जानते हैं कि आपके बच्चे पर इसका क्या असर होता है। वैसे बच्चों को गलतियों पर डाँट लगाना और उनको सही बात समझना पेरेंट्स के लिए बिलकुल सही है लेकिन इस बात के लिए आप किस हद तक जाये इसकी जानकारी भी होनी चाहिए। आइए जाने कुछ ऐसी ही बातें जो आपको अपने बच्चों से कभी नहीं कहनी चाहिए। 

Advertisment

“पैरेंट होना सबसे बड़ी गलती है” 

कभी कभी हम गुस्से में या फ़्रस्ट्रेशन में यह बोल जाते हैं कि हमने पैरेंट होने की सबसे बड़ी गलती की है। याद रखें की माँ-बाप का दायित्व बहुत बड़ा दायित्व होता है। आपको तो भगवान् का शुक्रगुज़ार होना चाहिए कि आपको लाइफ में पैरेंट होने का सुख मिला। कई बार नाराज़ होकर माँ-बाप अपने बच्चे के सामने ही पेरेंट्स होने की कमिया और खामियां निकलने लगते हैं। इससे आपके बच्चे के पर्सनालिटी पर काफी बुरा असर हो सकता है। 

"मुझे तुमसे और बेहतर की उम्मीद है" 

Advertisment

आपका बच्चा स्कूल में किसी कॉम्पीटीशन में भाग लेता है और कुछ नम्बरों से जीत नहीं पाटा तो ऐसे में आपको उसका मनोबल बढ़ाना चाहिए। भूल कर भी कभी अपने बच्चे को किसी नाउम्मीदी का शिकार न होने दें। अक्सर माँ-बाप बच्चे को कहते हैं कि "तुमको और कोशिश करनी चाहिए। मुझे तुमसे और बेहतर करने की उम्मीद है।" यह बातें बच्चे को डिमोटिवेट करती हैं और उसे ऐसा अहसास दिलाती हैं कि वो किसी लायक नहीं है। 

"चुप हो जाओ! अब रोने का कोई फायदा नहीं " 

इस तरह अपने बच्चे को बार बार उसकी गलती बताना आपके बच्चे को नेगेटिव बना सकता है। हो सकता है आगे चल कर उसके अंदर का आत्मविश्वास कमजोर पड़ जाये। कई बार माँ-बाप अपने बच्चे को रोने पर डांटने लगते है और रोने से मना करते हैं। यह बिलकुल गलत है। आप अपने बच्चे को कुछ समय दें। हो सकता है वह डरा हुआ हो या कोई और बात हो तो ऐसे में उसे रोता हुआ छोड़कर डांटने की बजाए उसको यह जाहिर करें कि सब ठीक हो जायेगा और आप हमेशा उसके साथ हैं। 

Advertisment

माइंडफुल पेरेंटिंग है जरुरी 

इतना याद रखें कि जो भी चीज़ें आप अपने बच्चे को देती हैं एक भावना या फीलिंग के तौर पर। बच्चा भी उसी तरह की सोच और भावना को आगे बढ़ता है और उसे अपने लाइफ में ढालने की कोशिश करता है। इसीलिए इस बात का ख्याल रखें कि किसी भी तरह के नेगेटिव बातें या सोच को अपने बच्चों तक न पहुंचने दें। यदि आप स्ट्रेस हैं नाराज़ हैं या किसी बात से परेशान हैं तो इसका असर अपने बच्चे और आपकी बॉन्डिंग पर नहीं पड़ना चाहिए। 

पेरेंटिंग अच्छे पेरेंट्स कैसे बने
Advertisment