Parenting Tips: जब एक बच्चे का जन्म होता है उसके साथ ही उसके माता-पिता का जन्म होता है कोई भी अभिभावक अपने बच्चों के ही तरह बिल्कुल बोध होता है ऐसे में बच्चों को संभालना किसी चुनौती से काम नहीं बच्चों को संभालने में बच्चे का पालन करने के लिए कई बातें जानना जरूरी है छोटी सी लापरवाही बड़ी समस्या में बदलते देर नहीं लगती।
शिशु के लिए किन बातों का पेरेंट्स रखें ध्यान?
स्वास्थ्य मां स्वास्थ्य शिशु
मां के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है शिशु के स्वास्थ्य की स्थिति जाट शिशु अपनी मां पर निर्भर होता है उसकी हर चीज उसकी मां से जुड़ी हुई होती है इसलिए महत्वपूर्ण है की मां को अपने स्वास्थ्य का बेहद ख्याल रखना चाहिए नवजात शिशु का खान पान रहन-सहन सभी छोटी बड़ी चीज है उसकी मां पर निर्भर करती हैं मां अपने स्वास्थ्य का अच्छा ख्याल रखेगी स्वस्थ तंदुरुस्त रहेगी तभी वह अपने संतान का ख्याल रख पाएगी वायरल आदि बीमारियां जो छूने से संपर्क में रहने से होती हैं फिर बीमारी मन से बच्चों में आ सकती हैं इसलिए मन को अपने स्वास्थ्य का ख्याल सावधानी पूर्वक रखना चाहिए।
समय समय पर ले डॉक्टर से सलाह
नव जात शिशु को समय-समय पर अस्पताल ले जाकर इंजेक्शंस लगवाना दवाइयां का सेवन करवाते रहना चाहिए जो भी दवा जो भी इंजेक्शन दवा शिशु के लिए आवश्यक है उनका खयाल माता-पिता को रखना चाहिए। और समय-समय पर बच्चों की स्वास्थ्य की जांच डॉक्टर से करवाते रहना चाहिए क्योंकि नवजात शिशु को सबसे ज्यादा खतरा होता है बीमारियों का आवश्यक है कि शिशु की समय-समय पर होती रहे।
बच्चों के कंफर्ट का रखें विशेष ख्याल
नवजात शिशु आपसे अपने मन की व्यथा व्यक्त नहीं कर पाता। अपनी नवजात शिशु के कंफर्ट का ख्याल विशेष रूप से रखना सीखना चाहिए, मान्यता देखा गया है की माता-पिता बच्चों को बहुत सारे कपड़े एक साथ पहना देते हैं जिससे बच्चों को असहज महसूस हो सकता है लिए ख्याल रखें कि बच्चों को ज्यादा टाइट एवं अनकंफरटेबल कपड़े ना पहना है नवजात शिशु के शरीर से हिट निकलती रहती है अगर अधिक कपड़े पहने होंगे तो उसे फीवर आने की संभावना हो जाती है ।
हाइजीन का रखें ध्यान
माता पिता को नवजात शिशु के साथ हाइजीन का बहुत ध्यान रखना चाहिए शिशु को छूने से पहले खिलाने से पहले अपने हाथ साफ करने चाहिए। बाहर से आने के बाद तुरंत ही शिशु के संपर्क में नहीं आना चाहिए। बेहतर हाइजीन मेंटेन कर रखना चाहिए नवजात शिशु को वायरस आदि का खतरा ज्यादा होता है उसके संपर्क में आने वाली सभी वस्तुएं समय पर सेनीटाइज होते रहना चाहिए।
शिशु के लिए जरूरी है मालिश
माता पिता नवजात शिशु की समय-समय पर मालिश तेल उबटन होते रहना चाहिए मालिश के अनेक गुण हैं शिशु के शरीर में रक्त संचार बेहतर बनाती है मालिश शिशु को अलग-अलग तेलों द्वारा मालिश करने से उसका सौंदर्य बढ़ता है शरीर में तंदुरुस्ती बनी रहती है। उबटन लगाने से त्वचा नर्म होती है।
ब्रेस्टफीडिंग का रखे ध्यानमा
ताएं रखें ब्रेस्टफीडिंग का ध्यान नवजात शिशु को हर 3 घंटे में अपनी मां के दूध की आवश्यकता होती है। इसलिए आवश्यक है की माताएं अपने शिशु को अपना ही दूध का सेवन करवाए। माताएं अपने शिशु को दूध पिलाने के बाद उनकी पीठ सहलाएं इससे वे उल्टी नहीं करेंगे और और आवश्यक है की माताएं अपने बच्चों को सीमित खुराक में ही दूध का पिलाया जाए इससे वे स्वस्थ रहेंगे।