अक्सर बच्चे एक पड़ाव पर आकर कंफ्यूज और डर जाते हैं, जब बात उनके करियर सिलेक्शन की आती है। जी हाँ, अक्सर 12वीं के बाद क्या कोर्स करें किस फील्ड में जाएं, इस बात का कन्फूशन माँ-बाप को तो रहता ही है साथ ही बच्चे पर भी इसका प्रेसर लगातार बनता जाता है। आजकल हर माँ-बाप चाहता है कि उसका बच्चा आईएएस, इंजीनियर या डॉक्टर बनें, लेकिन किसी भी करियर के बारें में सिर्फ सुकर उसमे अपना टाइम देना गलत होगा। आपको करियर के बारे में पूरी जांच पड़ताल करनी जरुरी है। आज हम बात करेंगे कि स्टूडेंट को अपना करियर चुनते समय किन-किन बातों का खास ख़याल रखना चाहिए।
Career Tips For Students: करियर चुनते समय ध्यान रखें यह बात
स्टूडेंट/बच्चे का इंट्रेस्ट
करियर सिलेक्शन एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट फैक्टर है जो आगे जाकर आपके बच्चे के फ्यूचर कर असर करता है। इसीलिए किसी भी ऑप्शन को चुनने से पहले आप अपने बच्चे के इंट्रेस्ट जोन को समझने की कोशिश करें। यह जाने की आखिर आपका बच्चा किस जगह ज्यादा मज़ा करता है, ऐसे कोण से सब्जेक्ट हैं जो पढ़ने में उसका दिल लगता है। जब आपको उसके इंट्रेस्ट का पता चल जाएं तो पेरेंट्स को और स्टूडेंट को करियर सेलेक्ट करने में भी आसानी होगी।
एजुकेशन रीक्वायरमेन्ट्स भी है जरुरी
जिस भी करियर फील्ड में स्टूडेंट जाना चाहता है उसके लिए सबसे पहली क्राइटेरिया यह है कि क्या वह उस सन्दर्भ में पढ़ाई कर रहा था। ऐस अनहि हो सकता कि कोई आर्ट्स का स्टूडेंट MBBS के लिए अप्लाई करें या कोई कॉमर्स सब्जेक्ट का स्टूडेंट इंजीनियर बनना चाहता है। इसीलिए सबसे पहले आप चेक कर लें कि क्या आप चुने हुए करियर के अकॉर्डिंग अपनी एजुकेशन की क्वालिफिकेशन में हैं या नहीं।
करियर में कितनी है जॉब ऑपर्चुनटी
करियर सिलेक्शन में दूसरा इम्पोर्टेन्ट फैक्टर है कि चुने हुए करियर में जॉब की संभावनाएं कितनी हैं। अगर आप किसी ऐसे करियर से जुड़ना छह रहे हो जहा जॉब ऑपर्चुनटी काम या न के बराबर होती हैं तो आपको आगे जाकर करियर में स्ट्रगल करना पड़ सकता है। इसीलिए किसी भी तरह का चुनाव करते वक़्त काफी सोच-विचार करें। कोशिशें करें कि स्टूडेंट अपने पेरेंट्स और टीचर्स के साथ भी इस मामले में कंसल्ट जरूर करें।
वर्क/लाइफ बैलेंस
आपका करियर अगर आपके लाइफस्टाइल से नीलकुल उलट होगा तो आने वाले दिनों में इसके चलते आपको काफी स्ट्रगल हो सकता है। इसीलिए हर बात को सोच समझ कर ही आगे बढे। किसी भी करियर में सबसे इम्पोर्टेन्ट है वर्क/लाइफ बैलेंस का होना। अगर आपका जॉब आपके लाइफ पर असर डाल रहा हो या आपके लाइफस्टाइल के कारण आप अपने जॉब को ठीक से टाइम नहीं दे पा रहे तो यह काफी मुश्किल स्थिति हो सकती है।