Advertisment

Sex Education For children: क्यों ज़रूरी है, और सीखने के लिए कुछ टिप्स

author-image
Monika Pundir
New Update

सेक्स एड्युकेशन, जैसा की नाम से पता चलता है, सेक्स से रिलेटेड एड्युकेशन है। कुछ लोग सोचते हैं कि इसका मतलब है की सेक्स करना सिखाया जाता है, पर ऐसा नहीं है। सेक्स एड्युकेशन में, कंसेंट, सेक्स ऑर्गन के फंक्शन, सेक्स से फैलने वाली बीमारियां, सेक्सुअल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ को ठीक रखने की सीख, आदि आता है। इस समय भारत में 45%लोग सोचते हैं कि पीरियड्स श्राप के कारण होता है। यह सेक्स एड्युकेशन की कमी को दर्शाता है।

Advertisment

ऐसे बहुत सारे बच्चों के डॉक्टर और साइकोलॉजिस्ट हैं जिनका रिसर्च या पेशेंट के साथ का एक्सपेरिएंस बताता है की बच्चों को सेक्स एड्युकेशन मिलनी चाहिए, पर कुछ लोग उन्हें ही ख़राब मान लेते हैं। 

बच्चों को सेक्स एड्युकेशन क्यों चाहिए?

  • रिप्रोडक्टिव हेल्थ इश्यूज पूरे शरीर को प्रभावित करते हैं, चाहे बच्चा लड़का हो या लड़की। इन इश्यूज़ का असर 5-6 वर्ष की आयु से दिखने लग सकता है।
  • प्यूबर्टी से पहले बच्चों को अपने प्राइवेट पार्ट्स के बारे में अपने माता पिता से बात करने में शर्माते नहीं है। इसलिए वे खुली और साफ़ मन से आपकी बात सुनेंगे।
  • बच्चे सेक्स को तब तक शर्मिंदगी से नहीं देखते जब तक आप उन्हें यह न बताए की वह शर्म की बात है।
  • बच्चों की रेप होती है। यह सुनने या सोचने में जितना भी ख़राब लगे, पिछले एक साल में बच्चों (लड़का-लड़की दोनों) की सेक्सुअल अब्यूस 22% बढ़ी है। अगर उन्हें पता नहीं की क्या हो रहा है, वे किसी को कम्प्लेन कैसे करेंगे?
  • पाया गया है कि अधिकतर बच्चे अपने अब्यूस के बारे में माता पिता को नहीं बता पाते क्योंकि उनके घर में उन्हें प्राइवेट पार्ट्स का नाम लेना मना है। अगर आप सेक्स के बारे में बात नहीं करेंगे तो आपका बच्चा भी नहीं कर पायेगा।
  • बच्चे रेप करते हैं। जुवेनाइल रेप केसेस की भी वृद्धि हुई है। इसका मतलब है, 18 वर्ष से कम के ‘बच्चे’ रेप कर रहे हैं। आप रीसेंट किसी भी रेप केस के एक्यूस्ड की लिस्ट पढ़ लीजिये, कम से कम एक जुविनाइल का नाम मिल जायेगा।
Advertisment

बच्चों को सेक्स एड्युकेशन कैसे दें?

1. उम्र के अनुसार जानकारी दें 

आपको यह नहीं कहा जा रहा की 3 साल के बच्चे को सुअल इंटरकोर्स की जानकारी दे। जब आप बच्चों को बॉडी पार्ट्स के नाम सीखा रहे हैं, तो प्राइवेट पार्ट्स के नाम भी बताएं, ताकि वे सोचें की वे हाथ-पैर के तरह ही, बीएस एक और अंग हैं। धीरे धीरे उन्हें गुड टच और बैड टच के बारे में समझाइए। माता पिता को यह सबसे मुश्किल लगती है, क्योंकि वे इस काम में ट्रेंड नहीं हैं, इसलिए अगर आपको समझने में असुविधा हो रही है, तो इस टॉपिक पर बहुत सारे एनिमेटेड यूट्यूब विडिओ होते हैं, जो स्कूल में युस होती हैं। आप ऐसी कोई वीडियो चुन क्र अपने बच्चे को दिखा  सकते हैं, या उनके साथ देख सकते हैं।

Advertisment

2. उनसे पूछे कि उन्हें क्या समझ आया  

जब वे आपको अपनी बात समझते हैं, आप किसी भी गलतफहमी को दूर कर सकते हैं। 

3. उन्हें बताए की वे आपसे इन टॉपिक्स पर बात कर सकते हैं 

Advertisment

कई बार बच्चे अपनी बॉडी के बारे में किसी से बात नहीं कर पाते क्योंकि वे डरते हैं, या शर्माते हैं। कई बार माता पिता उन्हें इन टॉपिक्स पर बात करने से मना करते हैं। कृपया ऐसा न करें और उन्हें सेफ महसूस कराए।

4. प्यूबर्टी के चंगेस के बारे में बताएं 

जब आप अपने बच्चे के चेहरे पर रैश जैसे दिखने वाले पिम्पल देखें, या अंडरआर्म में हेयर देखें, उन्हें प्यूबर्टी और सेक्स के बारे में पूरी जानकारी दें। लड़का हो या लड़की, पीरियड्स, बॉडी हेयर, ब्रैस्ट ग्रोथ के बारे में बताए। प्यूबर्टी में लड़के में भी थोड़ी ब्रैस्ट ग्रोथ और ब्रैस्ट में दर्द हो सकती है। हर बच्चे यह सब बताए, ताकि वे अपने भाई-बहन, और फ्यूचर पार्टनर को समझ सके।

Advertisment

5. उन्हें सेफ सेक्स के बारे में बताएं

सेफ सेक्स केवल प्रेगनेंसी से दूर रहना नहीं, बल्कि अपने शरीर को बीमारी से भी दूर रखना है। इस चर्चा में मन को सेफ रखने की बात भी आनी चाहिए। मर्ज़ी से सेक्स करना बुरा नहीं है, यह भी ज़रूर बताए।

सेक्स एड्युकेशन
Advertisment