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कोरोना महामारी के वक्त पर कोविड के बारे में अनेकों तरह के मिथक प्रचलित हो गए थे। जैसे कोरोना की वैक्सीन से लोग असुरक्षित हो जाएंगे या तो रोना जैसी कोई बीमारी ही नहीं है। इन मिथकों की वजह से कई लोग भ्रमित हो गए और उन्होंने मास्क लगाना बंद कर दिया। उन्होंने सावधानी बरतनी बंद कर दी और कोरोना से पीड़ित होना पड़ा।
अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा यह कहा गया है कि शायद आने वाले समय में मंकीपॉक्स भी एक महामारी बन सकती है। इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है और उन्हें इससे बचाव के लिए दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। लेकिन डॉक्टरों को यह डर है कि मंकीपॉक्स के बारे में प्रचलित मिथक लोगों के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। इनमें मिथकों के कारण लोग भ्रमित हो सकते हैं और गलतफहमी में आकर अपनी सेहत से खिलवाड़ कर सकते हैं।
मंकीपॉक्स क्या है?
यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बढ़ी दर पर लोगों को अपना शिकार बना रही है। मंकीपॉक्स हर दिन के साथ और भी ज्यादा खतरनाक बनती जा रही है। यह एक वायरस इंफेक्शन है जो स्किन के संपर्क मे आने से फैलता है। जब इस तरह की कोई भी बीमारी बडी दर पर फैलने लगती है तो इसके बारे में लोगों को सही जानकारी देना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। इसलिए आपको इसके मिथक और सच्चाई के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए।
मंकीपॉक्स से जुडे मिथक
1. मंकीपॉक्स एक नई बीमारी है
अधिकतर लोग इस बीमारी का नाम पहली बार सुन रहे हैं इसलिए उन्हें लगता है कि यह बीमारी नई है। यह बीमारी आपके लिए नहीं हो सकती है लेकिन यह पहले से अस्तित्व मे है। यह 60 साल से भी ज्यादा पुरानी बीमारी है। मनुष्य में इसका पहला मामला 1970 में कांगो में दर्ज किया गया था। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार नाइजीरिया और सूडान सहित यह 10 से ज़्यादा देशों में स्थानिक बीमारी है।
2. Covid की वैक्सीन से होता है मंकीपॉक्स
कुछ लोगों को यह भ्रम है कि कॉविड की वैक्सीन से मंकीपॉक्स हो सकता है। ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि यह दोनों वायरस एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत है। कोविड की वैक्सीन शरीर में कुछ ऐसे प्रोटीन बनाती है जो वायरस से लड़ सकते हैं। इससे मंकीबॉक्स का कोई लेना देना नहीं है।
3. Swimming पूल से भी फैलता है
यह पानी से फैलने वाली बीमारी नहीं है। यह स्किन के कांटेक्ट में आने से फैलती है। स्विमिंग पूल के बेसिन को किसी के द्वारा छुए जाने पर जब आप बिना उसे धोए छूते हैं तो इसके फैलने का खतरा मुमकिन है। स्विमिंग पूल से किसी भी चीज को छूने से बचें।
4. भीड़ मे जाने से फैल रहा है?
कोविड वायरस हवा के संपर्क से फैलता है। फिर भी एक जैसे हवा को 2 से ज्यादा लोगों का अंदर लेना कम संभावित होता है। मंकीपॉक्स के फैलने की संभावनाएं त्वचा या किसी व्यक्ति से करीबी संपर्क में आने से बढ़ती हैं। हवा से यह वायरस फैलने की संभावनाएं थोड़ी कम है। किस करना और बर्तन शेयर करने से भी यह फैल सकता है।
5. सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन?
सेक्स करने से मंकीपॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति हो सकता है। लेकिन मंकीपॉक्स फैलने का इकलौता माध्यम नहीं है। मंकीपॉक्स किसी भी तरह से स्किन के संपर्क में आने से फैलता है चाहे वह सेक्शुअल हो या न हो।
6. केवल gay को ही मंकीपॉक्स होता है
यह एक वायरस इनफेक्शन है जो किसी के लिंग, उम्र या रंग में भेदभाव नही करता है। आपकों मंकीपॉक्स के बारे में सबसे पहले यह बात पता होनी चाहिए कि यह बीमारी किसी भी उम्र के बच्चे, जवान या बूढ़े को हो सकती है। यह किसी सेक्स या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती है और हर किसी के लिए बराबर हानिकारक भी है।
7. मंकीपॉक्स की वैक्सीन किसी को भी आसानी से मिल सकती है
अभी यह बीमारी अमेरिका में सबसे ज्यादा तेजी से फैल रही है। इस बीमारी की वैक्सीन तो है लेकिन बहुत ही सीमित मात्रा में है जिसका कंट्रोल अमेरिका की सरकार के पास है। इस बीमारी से लड़ने के लिए दो वैक्सीन उपलब्ध है लेकिन सीमित मात्रा में होने के कारण हर कोई इसे आसानी से इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
8. अधिक मात्रा में वैक्सीन की उपलब्ध
यह बिल्कुल भी सच नहीं है क्योंकि बीमारी बहुत तेजी से फैल रही है और दिन प्रतिदिन और भी ज्यादा खतरनाक होती जा रही है। इसकी वैक्सीन सीमित मात्रा में उपलब्ध है और आसानी से हर जगह उपलब्ध नहीं हो सकती है। इसका कंट्रोल अमेरिका की सरकार के हाथों में है।
9. मंकीपॉक्स वैक्सीन नई है
जिस तरह कुछ लोगों को लगता है कि मंकीपॉक्स बीमारी नई है उसी तरह लोगों को यह भी लगता है कि इसकी वैक्सीन भी नई है। मंकीपॉक्स बीमारी और इसकी दोनों वैक्सीन पुरानी है लेकिन बेहद असरदार है।
10. मंकीपॉक्स वायरस लैब में बनाया गया है
मंकीपॉक्स वायरस को किसी लैब में नहीं बनाया गया है। यह बंदरों की एक टोली से ओरिजिनल हुआ है और कई दशकों से अस्तित्व में है। मनुष्य में पहली बार इसका मामला साउथ अफ्रीका में देखा गया।