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Thyroid Disorder: थाइराइड के कुछ प्रमुख घरेलू उपाय

आज के समय में थायराइड एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है खासकर महिलाओं में जो थायराइड ग्रंथि के असंतुलन के कारण होती है। इन स्थितियों का सही उपचार करने के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपाय बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं।

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kukshita kukshita
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5 Ayurvedic Home Remedies for Thyroid: आज के समय में थायराइड एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है खासकर महिलाओं में जो थायराइड ग्रंथि के असंतुलन के कारण होती है। यह ग्रंथि हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है, और इसके असंतुलन से वजन बढ़ना या घटना, थकान, अवसाद, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इन स्थितियों का सही उपचार करने के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपाय भी बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं।

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थायराइड के लिए 5 प्रमुख आयुर्वेदिक घरेलू उपाय

1. अश्वगंधा

अश्वगंधा एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसे तनाव कम करने और थायराइड के संतुलन में मदद करने के लिए जाना जाता है। यह थायराइड हार्मोन टी3 और टी4 के स्तर को स्थिर रखता है, जिससे मेटाबोलिज्म सही तरीके से काम करता है। अश्वगंधा का सेवन नियमित रूप से करने से थकान, अवसाद और अन्य थायराइड से संबंधित लक्षणों में सुधार होता है।

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2. त्रिफला

त्रिफला एक मिश्रण है जो तीन फलों - आंवला, हरड़, और बहेड़ा - से बना होता है। यह पाचन में सुधार करता है और शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके सेवन से थायराइड ग्रंथि का कार्य सुचारू होता है, जिससे हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों में राहत मिलती है। त्रिफला का उपयोग पाउडर या कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है।

3. गुग्गुल

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गुग्गुल एक प्रकार की राल है जिसे भारतीय आयुर्वेद में लंबे समय से उपयोग किया जा रहा है। यह मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देता है और थायराइड हार्मोन के उत्पादन में सहायक होता है। गुग्गुल का सेवन थायराइड की सूजन को कम करता है और वजन घटाने में भी मदद करता है। इसे नियमित रूप से उपयोग करने से थायराइड से संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है।

4. आंवला

आंवला विटामिन C का उत्कृष्ट स्रोत है और इसे एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है। यह थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में सहायक होता है। आंवला का रस या आंवला पाउडर का सेवन थायराइड के सामान्य कार्य में मदद करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। आंवला का सेवन करने से शरीर में हार्मोनल संतुलन भी बना रहता है।

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5. जीरा

जीरा एक सामान्य मसाला है जो थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करता है और मेटाबोलिज्म को तेज करता है। इसके सेवन से शरीर में ऊर्जा स्तर बढ़ता है और थकान में कमी आती है। जीरा पानी का सेवन हाइपोथायरायडिज्म के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है। इसे पानी में उबालकर या भुना हुआ जीरा पाउडर के रूप में सेवन किया जा सकता है।

ये आयुर्वेदिक दवाएं प्राकृतिक और सुरक्षित हैं, लेकिन किसी भी आयुर्वेदिक उपचार को शुरू करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। सही मार्गदर्शन से ही इनका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

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इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

 

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