/hindi/media/media_files/2025/04/11/q2Ld64H3B1bd2XP4G5JN.png)
Pregnancy Photograph: (Freepik)
Pregnancy Myths vs Science: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अक्सर बहुत सारी सलाहें मिलती हैं, और इन सलाहों में से कई बातें मिथक होती हैं। हमारे समाज में प्रेग्नेंसी को लेकर बहुत सारी धारणाएँ और भ्रम फैलाए गए हैं, जो महिलाओं को असहज और भ्रमित कर सकते हैं। लेकिन क्या वाकई ये सारे मिथक सच हैं? आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी से जुड़े 5 बड़े झूठ और वैज्ञानिक तथ्यों के साथ उनका सच।
क्या वाकई फलाना खाना मना है? प्रेग्नेंसी से जुड़े 5 बड़े झूठ
1. गर्भावस्था में खट्टा खाना मना है!
मिथक: अक्सर यह सुनने को मिलता है कि गर्भवती महिला को खट्टे और तीखे खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे की त्वचा काली हो सकती है या उसका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
विज्ञान: खट्टे फल, जैसे संतरा और नींबू, विटामिन C से भरपूर होते हैं, जो गर्भवती महिला और बच्चे के लिए फायदेमंद होते हैं। इनका सेवन करने से शरीर में आयरन अवशोषण में मदद मिलती है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है। यह मिथक सिर्फ एक भ्रम है।
2. गर्भवती महिला को दूध ज्यादा पीना चाहिए!
मिथक: यह धारणा भी है कि गर्भवती महिला को हर दिन ढेर सारा दूध पीना चाहिए, ताकि बच्चे की हड्डियाँ मजबूत हों।
विज्ञान: जबकि दूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, यह जरूरी नहीं कि हर गर्भवती महिला को अत्यधिक दूध ही पीने की जरूरत हो। प्रोटीन, विटामिन D, और अन्य पोषक तत्वों के लिए संतुलित आहार ही अधिक प्रभावी होता है। दूध के अलावा, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, नट्स, और दलहन भी कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।
3. गर्भवती महिला को व्यायाम से बचना चाहिए!
मिथक: एक और सामान्य मिथक यह है कि प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार के शारीरिक गतिविधि से बचना चाहिए। यह माना जाता है कि व्यायाम से गर्भपात हो सकता है।
विज्ञान: हल्का व्यायाम, जैसे तैराकी, चलना, और प्रेग्नेंसी योग, न केवल गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए बल्कि बच्चे के विकास के लिए भी फायदेमंद है। यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है, मानसिक स्थिति को स्वस्थ रखता है, और प्रसव के दौरान राहत देता है। हालांकि, कुछ व्यायामों से बचना चाहिए, और हमेशा डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
4. गर्भवती महिला को शहद और अंडा नहीं खाना चाहिए!
मिथक: यह भी एक आम मिथक है कि शहद और कच्चा अंडा गर्भवती महिला के लिए खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि ये बैक्टीरिया और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
विज्ञान: शहद और पके हुए अंडे को आहार में शामिल करना सुरक्षित होता है। लेकिन कच्चे अंडे से बचना चाहिए, क्योंकि इससे लिस्टेरिया या सैलमोनिला जैसे बैक्टीरिया का खतरा हो सकता है। शहद का सेवन भी तब तक सुरक्षित है जब तक वह प्रमाणित हो और उसमें कोई मिलावट न हो।
5. गर्भवती महिला को रात को खाने से बचना चाहिए!
मिथक: एक और पुरानी धारणा है कि गर्भवती महिला को रात के समय अधिक खाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे उनका वजन बढ़ सकता है और यह बच्चे के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
विज्ञान: रात को खाना खाने से कोई नुकसान नहीं है, अगर यह एक हल्का और संतुलित भोजन हो। यह महत्वपूर्ण है कि गर्भवती महिला दिनभर में संतुलित आहार लें और रात का खाना न छोड़ें। कुछ महिलाएं रात को जल्दी खाना खा कर बेहतर नींद लेती हैं, जो उनके और बच्चे के लिए फायदेमंद हो सकता है।
मिथकों को तोड़ें, विज्ञान पर विश्वास करें
प्रेग्नेंसी के दौरान सही जानकारी प्राप्त करना बेहद जरूरी है, ताकि महिलाओं को भ्रांतियों और मिथकों से बचाया जा सके। डॉक्टर से मार्गदर्शन लेना और संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना सबसे अच्छा तरीका है। मिथकों के बजाय, वैज्ञानिक तथ्यों को समझें और उनका पालन करें, ताकि गर्भवती महिला और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य सुरक्षित और मजबूत रहे।