शरीर में खून की कमी होने से एनीमिया रोग हो जाता है। इसकी वजह से शरीर में कमजोरी, चक्कर आना, सर दर्द, आदि जैसी समस्याएं होती है। शरीर में खून की कमी आयरन की कमी होने के कारण होती है। महिलाओं को आयरन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। क्योंकि पीरियड्स के दौरान उनकी बॉडी से काफ़ी खून बह जाता है। जिसकी वजह से उनके शरीर में खून की कमी होने का खतरा ज्यादा है।
अगर आप चाहते हैं कि आपके शरीर में खून की कमी ना हो तो आयरन से भरपूर फल खाएं। आयरन से भरपूर फलों के सेवन से लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है और पुरानी कोशिकाओं की मरम्मत। हम आज आपको बताएंगे ऐसे पांच फलों के बारे में जो आपको खून बढ़ाने में मदद करेंगे।
खून बढ़ाने के लिए खाएं ये फल -
1. सेब
सेब के अंदर प्रचुर मात्रा में आयरन और विटामिन पाए जाते हैं। आपने डॉक्टर को सलाह देते हुए सुना होगा कि हमें हर रोज एक सेब खाना चाहिए। यह केवल देखने में ही लाल नहीं है बल्कि यह हमारा खून बढ़ाने में भी सहायक है।
यह हमारे शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी पूर्ति करता है और हमें बीमारियों से दूर रखता है।
2. अनार
जब किसी के शरीर से काफी खून बह जाता है तो डॉक्टर उसे हर रोज खाना खाने की सलाह देते हैं। अनार खाने से हमारा खून बहुत गति से बढ़ता है। इस के दानों में आयरन और कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाते हैं। जब हीमोग्लोबिन बढ़ता है तो हमारा खून भी स्वस्थ रुप से बढ़ता है।
3. संतरा
हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए हमारी लाल रक्त कणिकाओं का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी होता है। लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण संतरे जैसे खट्टे फलों को खाने से होता है। इनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है। यह हमारा खून तो बहुत जल्दी बनाता ही है साथ ही यह हमारी स्किन के लिए भी फायदेमंद है।
4. गाजर
दोस्तों आपने सुना होगा कि सर्दियों में गाजर का जूस जरूर पीना चाहिए। यह हमें ऊर्जा देता है और सर्दियों में होने वाली छोटी मोटी बीमारियो की महत्वपूर्ण औषधि भी है। यह हमारे शरीर में रक्त निर्माण की प्रक्रिया में मददगार होता है। आपसे कच्चा सलाd के रूप में आ सकते हैं या हलवा भी बना सकते हैं।
5. टमाटर
टमाटर में बीटा कैरोटीन नाम का एक तत्व होता है जो हमारे शरीर में लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में मददगार होता है। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रक्त निर्माण की प्रक्रिया को गति देता है। यह हमें कई तरह के इंफेक्शन से भी बचाता है।