5 Myths About Vagina : वजाइना हमारे शरीर का ही हिस्सा है और जिस तरह से स्किन की समस्याओं को हम खुलकर बता सकते हैं, वैसे ही वजाइनल समस्याओं के बारे में बात करना भी नॉर्मल है। कई बार महिलाएं इस पर खुलकर बात नही करती है और ये करण है की महिलाएं कुछ बातो पर यकीन कर लेती है फिर उसको गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। तो चलिए आज हम आपको वजाइना से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में बताएंगे।
वजाइना के बारे में क्या मिथक होते हैं
1. अगर वजाइना बहुत ढ़ीली है तो इसका मतलब यह है की महिला ने बहुत बार सेक्स किया होगा
ऐसा नही है आज भी पुरुष इस बात को मानते है वजाइना बहुत ढ़ीली होने का करण है की लड़की वर्जिन नहीं है। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है क्योंकि सेक्स और वजाइना के ढ़ीले या टाइट होने से कोई लेनदेन नही है। वजाइना इलिस्टिक होता है वह स्ट्रेच हो जाता है एक टाइम पर चाहे प्रर्जेंसी हो या सेक्स फिर उसके प्राकृतिक आकार में आ जाती है।
2. छोटी महिलाओं का वजाइना अधिक टाइट होता है
ऐसा लोगो का मना होता है ये भी एक मिथक ही है क्योंकि छोटी हो या पतली महिलाओं के वजाइना छोटे नहीं होते सब का सपे अगल होता है इस हिसाब से साइज मे भी फर्क होता है। पर ये बात सच है हर महिला का वेजाइना जरूरत के हिसाब से अपना आकर बदल लेता है जब जो इंटरकोर्स करती है और बाद में बड़े आराम से अपना आकार बदल लेती है।
3. अगर लड़की वर्जिन है तो हाइमन सुरक्षित होगा
ये भी एक अंध विश्वास है जो लोग मानते है। आप चाहे इस बात पर यकिन करें या नहीं लेकिन सभी वर्जिन लड़कियों के हाइमन से बूल्ड आये जरूरी नही है। यह एक टिश्यू की एक पतली सी थली होती है जो टैम्पोन्स के इस्तेमाल, खेलने-कूदने, साइकिल चलाने, मास्टरबेट या डांस करने से भी फट सकती है।
4. जी-स्पॉट और उसे खोजने की सलाह अक्सर लड़खे को बतया जाता है
क्यूंकि लोगो का मनना होता है अगर आपको जी-स्पॉट का पता चल गया तो आप अपनी पार्टनर को मल्टीपल ऑर्गैज़्म दे सकते हैं। लेकिन अभी तक इसका भी पता नहीं लगाया जा सका है की जी-स्पॉट होते भी हैं या नहीं। क्यूंकि काफी लड़खियो को जी सपॉट नही पता चलता है।
5. खास तरह के फूड्स खाने से वजाइना से खुशबू आती है
अच्छी स्मेल ऐसा लोगो का माना हैं पर जो भी फूड्स हम खाते हैं वो वजाइनल बैक्टीरिया को बनाने, बढ़ाने या मारने में बिल्कुल भी तालमेल नही है। वजाइना की अपनी अलग स्मेल होती है।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।
सूचना : इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन प्रीती विश्वकर्मा का है।