6 Ways to Help Prevent Breast Cancer: टेलीविजन की जानी-मानी अदाकारा हिना खान ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक दिल दहला देने वाला पोस्ट साझा किया है। उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया है कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का पता चला है, और वो इस बीमारी से लड़ रही हैं। हिना खान की ये खबर उनके फैंस और इंडस्ट्री के लोगों के लिए एक बड़ा झटका है।
हिना खान टेलीविजन की दुनिया का एक जाना-माना नाम हैं। उन्होंने कई सुपरहिट सीरियल्स में काम किया है और दर्शकों के बीच उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है। हमेशा फिट और एक्टिव रहने वाली हिना को इस तरह की बीमारी होना वाकई में परेशान करने वाली खबर है।
आज के इस लेख में हम आपको स्तन कैंसर से बचाव के 6 अहम उपायों के बारे में बताएंगे। हालांकि ये उपाय बीमारी को पूरी तरह से रोकने की गारंटी नहीं देते हैं, लेकिन ये खतरे को कम करने में निश्चित रूप से मददगार साबित हो सकते हैं।
6 सुरक्षा उपाय स्तन कैंसर से बचाव के लिए
1. स्वस्थ वजन बनाए रखें
अध्ययनों से पता चलता है कि अधिक वजन या मोटापा स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद। इसलिए, स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। आप अपने डॉक्टर से अपने लिए आदर्श वजन के बारे में बात कर सकती हैं और उसे बनाए रखने के लिए स्वस्थ आहार और व्यायाम की आदत डाल सकती हैं।
2. संतुलित आहार लें
फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा वाले खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार लें। साथ ही, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, रेड मीट और चीनी का सेवन सीमित करें।
3. नियमित व्यायाम करें
नियमित शारीरिक गतिविधि न केवल स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करती है बल्कि यह स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में भी कारगर साबित हो सकती है। हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाली व्यायाम या 75 मिनट तीव्र गतिविधि करने का लक्ष्य रखें।
4. शराब का सेवन सीमित करें
अत्यधिक शराब का सेवन स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए, शराब का सेवन सीमित करें या पूरी तरह से बंद कर दें।
5. धूम्रपान न करें
धूम्रपान न केवल फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ाता है बल्कि यह स्तन कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकता है। यदि आप धूम्रपान करती हैं, तो इसे छोड़ने के लिए अपने डॉक्टर से मदद लें।
6. नियमित जांच करवाएं
40 साल की उम्र के बाद, नियमित रूप से मैमोग्राम करवाना महत्वपूर्ण है। यह स्तन कैंसर का जल्दी पता लगाने में मदद कर सकता है, जिससे इलाज भी जल्दी शुरू हो सकता है। साथ ही अपनी खुद की जांच भी नियमित रूप से करें और किसी भी तरह के बदलाव को नजरअंदाज न करें। अपने डॉक्टर से किसी भी गांठ या असामान्यता के बारे में तुरंत बात करें।