डिलीवरी के बाद महिलाओं में अत्यधिक ब्लीडिंग होता है। जो बच्चे को जन्म देने के बाद करीब 10 दिनों तक होता रहता है। इस दौरान महिलाओं में डिलीवरी के चार से छह सप्ताह बाद तक हल्का ब्लीडिंग होता है। यह ब्लीडिंग गर्भावस्था के बाद हर महिला में होता है और इसका होना सामान्य है। यह इसलिए होता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में खून की मात्रा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। यही कारण है कि बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं का शरीर इस रक्तप्रवाह के लिए तैयार रहता है।
After Delivery Problems: क्या डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग होना हैं नार्मल?
- डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग धीरे-धीरे कम होने लगता है- बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं मे रक्तप्रवाह तेजी से होता है। लेकिन फिर यह कम होने लगता है। आपकी डिलीवरी सिजेरियन हुई हो या नार्मल हुई हो, शिशु को जन्म देने के बाद रक्तस्त्राव का होना जरूरी होता है।
- नार्मल डिलीवरी के बाद 40 दिन तक रक्तस्राव होना सामान्य- यह ब्लीडिंग रूक-रूक कर भी हो सकता है। इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है। शुरुआत में ब्लीडिंग में खून बहुत गहरे लाल रंग का होता है लेकिन जब धीरे-धीरे रक्तस्त्राव कम होने लगता है तब रंग भी हल्का पड़ने लगता है।
- ब्रेअस्फीडिंग में भी ब्लीडिंग होना नार्मल- अगर आप स्तनपान करवाती हैं तब भी ब्लीडिंग होता है। साथ ही इस दौरान आप को पीरियड्स के समय होने वाला दर्द और ऐंठन भी महसूस होती है।
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग में ऐसे रखें अपना ख्याल-
- पेशाब लगातार जाए भले ही आपको महसूस ना हो।
- सैनिटरी पैड का प्रयोग करें और उसको सही समय पर ध्यान से बदलती रहे।
- अधिक आराम करें और अपने शरीर को ठीक से रिकवर होने दें।
- डिलीवरी के छह सप्ताह तक टैम्पोन का इस्तेमाल ना करें क्योंकि इस दौरान आपका गर्भाशय और योनि रिकवर करते हैं और टैम्पोन से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्टर से किन हालातों में परामर्श करें?
अगर शिशु को जन्म देने के 4 से 5 दिन बाद भी खून गहरे लाल रंग है तो इस संबंध में आपको डॉक्टर से अवश्य पूछना चाहिए। इसके अलावा अगर आप असामान्य से ज्यादा ब्लीडिंग महसूस कर रही है और उसमें बदबू भी है या आपको बुखार और ठंड के लक्षण भी है, तो इस संदर्भ में भी आपको डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।