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Anorexia Nervosa: जानें क्या है ऐनोरेक्सिया नर्वोसा और इसके लक्षण

ब्लॉग | हैल्थ : ऐनोरेक्सिया नर्वोसा एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर है जिसमें लगातार व्यक्ति के मन में अपने फिगर के प्रति विचार आते हैं। उन्हें लगता है कि वो ज्यादा मोटे हो रहे हैं या उनका वजन ज्यादा बढ़ रहा है। इससे मृत्यु तक हो सकती है।

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Prabha Joshi
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एनोर्क्सिया नर्वोसा

एनोरेक्सिया नर्वोसा का मरीज (Image Credit: Emergency Live)

Anorexia Nervosa: बहुत से लोग होते हैं जो अपने खान-पान के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। उन्हें लगता है कि कहीं वे मोटे न हो जाएं, उनका वजन ज्यादा बढ़ रहा है और उन्हें कम खाना चाहिए आदि। इसके लिए वे अपने को खाने के लिए रोकते हैं और भूखा रहते या अन्य प्रयास करते हैं। पर क्या आप जानते हैं ये एक तरह का डिसऑर्डर है। मेडिकल की भाषा में इस डिसऑर्डर का नाम है ऐनोरेक्सिया नर्वोसा

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क्या है ऐनोरेक्सिया नर्वोसा

ऐनोरेक्सिया नर्वोसा एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर है जिसमें लगातार व्यक्ति के मन में अपने फिगर के प्रति विचार आते हैं। उन्हें लगता है कि वो ज्यादा मोटे हो रहे हैं या उनका वजन ज्यादा बढ़ रहा है। ये डिसॉर्डर इतना ज्यादा गंभीर होता है कि कई बार व्यक्ति की जान पर बन आती है। ऐसा इसलिए कि उनको शारीरिक रूप से बहुत कष्ट होता है, वे सूखने लग जाते हैं पर फिर भी सही तरह खाना-पीना नहीं करते। वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार ऐनोरेक्सिया नर्वोसा के ज्यादातर मरीज महिलाएं और लड़किया होती हैं।

क्या हैं ऐनोरेक्सिया नर्वोसा से जुड़े लक्षण

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ऐनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित मरीज अपने आपको भूखा रखते हैं। उनका शरीर सूखने लग जाता है, शरीर पीला पड़ जाता है, हड्डियां दिखने लगती हैं, खून की कमी हो जाती है, तनाव रहने लगता है, शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है, वजन में कमी, पीरियड्स से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं, मौसम से जुड़े परिवर्तनों को सहन नहीं कर पाते, नाखूनों के रंग बदलने लगते हैं, बार-बार चक्कर आता है, दैनिक कार्य सही से नहीं कर पाते और नींद में दिक्कतें आती हैं। इससे जुड़े मरीज इन सब समस्याओं के बाद भी खाना नहीं खाते और लगातार अपने को खाने के प्रति रोकते रहते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ये मरीज कुछ खाते हैं तो उल्टी कर देते हैं। 

क्या हैं ऐनोरेक्सिया नर्वोसा से बचाव के उपाय 

ऐनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित मरीजों के लिए किसी तरह का टेस्ट नहीं रिकॉमेंडेड है। सेल्फ डॉयग्नॉस्टिक के जरिए इस डिसॉर्डर को पता किया जाता है। वहीं इसकी समय सीमा एक साल से अधिक भी हो सकती है। ऐसे मरीजों को कॉउंसलिंग की मदद से ठीक किया जाता है। 

कॉउंसलिंग के जरिए मरीज को उसका प्रॉपर डाइट प्लान बताया जाता है। उससे बात करते हुए समस्या का हल निकाला जाता है। वहीं मरीज को इस डर से बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जाती है जो उसको अपनी फिगर को लेकर होती है। इस समस्या का जितनी जल्दी निस्तारण हो जाता है उतना ज्यादा अच्छा है। ऐसा इसलिए कि ऐनोरेक्सिया नर्वोसा से मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। 

चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।

Anorexia Nervosa ऐनोरेक्सिया नर्वोसा ईटिंग डिसऑर्डर
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