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आंवला में छुपा है सेहत का राज

जानते हैं गुण जो आंवला में छुपे हुए हैं अनेक बीमारियो का एक इलाज है आंवला, महिलाओं के लिए इसके लाभों की श्रृंखला और बड़ी हो जाती है गर्भ धारण में लाभ, स्वेत प्रदर में लाभ विटामिन सी की कमी आवंला के सेवन से दूर भाग जाती है। जाने अधिक इस हैल्थ ब्लॉग में

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STP HINDI TEAM
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आंवला में छुपे हुए हैं अनेक गुण अनेक बीमारियो का एक इलाज है, महिलाओं के लिए इसके लाभों की श्रृंखला और बड़ी हो जाती है गर्भ धारण में लाभ,स्वेत प्रदर में लाभ विटामिन सी की कमी आवंला के सेवन से दूर भाग जाती है। आयुर्वेद में आंवला को अमृत फल वह धात्री फल भी कहा जाता है क्योंकि इसके सेवन से कई बीमारियां शरीर से दूर रहती हैं एवं इसके अनेक लाभ है। 

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क्यों कहा जाता है आंवला अमृत फल 

1.विटामिन C

विटामिन सी की मात्रा अगर किसी फल में सबसे ज्यादा पाई जाती है तो वह आंवले में पाई जाती है। महिलाएं जिनमें विटामिन सी की कमी आमतौर पर देखी जाती है हड्डियों की कमजोरी उन्हें जानना चाहिए,आंवला के फल में विटामिन सी मोसंबी नींबू से भी 20 गुना अधिक पाया जाता है आंवला में गैलिक एसिड शर्करा सेल्यूलोज तथा कैल्शियम पाया जाता है आंवला में पानी की मात्रा भी पाई जाती है कैल्शियम निकोटीनिक एसिड टैनिक एसिड फास्फोरस सभी तत्व जो विटामिन सी को बढ़ाने में मदद करते हैं आंवला में पाए जाते हैं। 

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2. वात पित्त कफ नाशक

आंवला हमारे शरीर में त्रिदोष का नाश करता है हमारे शरीर में आधे से ज्यादा बीमारियां बात पित्त कफ बढ़ने से होती हैं सभी रोगों की जड़ यह त्रिदोष माने गए हैं इनका संतुलन बेहद ही आवश्यक है अगर यह असंतुलित हुए तो मानव शरीर अस्वस्थ होने की श्रेणी में आ जाता है इसलिए बात पित्त कफ का संतुलन बनाए रखने के लिए आवाले का प्रयोग बताया गया है।

3. गर्भावस्था में लाभ

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जिन महिलाओं में गर्भ स्थापना नहीं होता है उन्हें आवाले का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है अवल में गुण पाए जाते हैं जो गर्भ स्थापना करने में सहायक होते हैं गर्भावस्था में होने वाली कमजोरी भी अवला से ठीक होती है एवं जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उल्टियां ज्यादा होती हैं पाचन क्रिया अस्त व्यस्त रहती है उन्हें यह जानना चाहिए कि अवल के प्रयोग से उल्टी व पाचन क्रिया संतुलित और अच्छी हो जाती है।

4. नेत्र रोग 

आंखों की कमजोरी चश्मा लगा आदि जैसी समस्याएं अवल के निरंतर प्रयोग से ठीक हो जाती हैं आंखों से जुड़ी समस्याओं में वाला अमृत के समान है एक वाला रोज खाने से कभी चश्मा नहीं लगता एवं आंखें स्वस्थ बनी रहती है बढ़ती उम्र में महिलाओं को चश्मा लग जाता है वह ऐसे कई कार्य करती हैं जिसमें उन्हें आंखों की रोशनी तेज होने की आवश्यकता होती है।

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5. बालों की सुंदरता

हर महिला के लिए उसके बाल खूबसूरती का एक महत्वपूर्ण तत्व माने गए हैं इसलिए बालों की सुंदर तो दो महिलाओं के लिए अति आवश्यक है वह बालों को संवारने के लिए कई सारे शैंपू क्रीम इस्तेमाल करती हैं इनके तो दुष्प्रभाव भी है इसलिए जानिए प्राकृतिक रूप से आप कैसे बालों को सुंदर बना सकते हैं।

आंवला नेत्र रोग
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