Breast Cancer cause and precautions: ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाली बहुत गंभीर बीमारी है। भारत में हर 30 में से 1 महिला ब्रेस्ट कैंसर से जुझ रही है। इनमें से बहुत सी महिलाओं को इस बात का अंदाजा ही नहीं होता कि वो ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो चुकी हैं। भारत में केवल 30% महिलाओं को ही कैंसर का पता शुरुआती समय में लग पाता है और 59% ऐसे महिलाएं जिन्हें कैंसर के पूरे तरीके से फैल जाने के बाद उसका पता लगता है।
कैसे होता है ब्रेस्ट कैंसर?
शरीर की सबसे छोटी इकाई जिसे Cell या कोशिका कहते हैं। उस Cell में समय - समय पर विभाजन की प्रक्रिया होती है और जिसमें पुरानी cells खत्म हो जाती हैं। Cell division एक Regulatory क्रिया है हमारे शरीर में यह क्रियाएं हार्मोंस के कारण हो पाती है पर जब हार्मोंस की यही क्रिया Uncontrolled हो जाती है और Cell division ज़रूरत से ज्यादा होने लग जाता है इससे Cells सिर्फ बढ़ती चली जाती है और पुरानी Cells भी शरीर में मौजूद रह जाती हैं और ये Lump of cells बन जाता है जो कि ब्रेस्ट कैंसर में परिवर्तित हो जाता है। शुरुआती समय में तो ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नहीं होते पर धीरे - धीरे कुछ बदलाव दिखाई देने लग जाते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
- आर्मपिट में दर्द और गांठों का होना
- ब्रेस्ट के आस - पास गांठ या सूजन
- निप्पल का अंदर के तरफ मुड़ा होना
- ब्रेस्ट या निप्पल के रंग में परिवर्तन होना
- रैशेज़ और इरिटेशन
- दोनों ब्रेस्ट के आकार और साइज में ज्यादा अंतर होना
- अधिक डिस्चार्ज होना
ब्रेस्ट कैंसर का होना अक्सर जीन पर निर्भर करता है, पर कुछ ऐसे बदलाव भी ज़रूरी हैं जो कि एक महिला को अपने जीवन में लाने चाहिए जो उन्हें ऐसे खतरनाक बीमारी से बचा सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के 5 उपाय
1. टाइट ब्रा करें अवॉइड
अक्सर महिलाएं ट्रेंड में चलने वाले वायर्ड और टाइट ब्रा का अधिक इस्तेमाल करती हैं जिससे ब्रेस्ट में इरिटेशन और डिस्कंफर्ट हो सकता है। यह आपके स्तनों को संकुचित कर देता है। जो कि हेल्थ के लिए ठीक नहीं होता। चुस्त और वायर्ड ब्रा का कम से कम इस्तेमाल करें और आरामदायक नॉन - वायर्ड ब्रा को अपनाएं।
2. अपनाएं हेल्दी डाइट
सही खान - पान शरीर में होने वाली क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाता है और यह हार्मोन का संतुलन बनाए रखने के लिए ज़रूरी है। अपने डायट में पौष्टिक आहार जैसे कि हरी सब्जियां, फ्रूट, सीड्स और नट्स को शामिल करें। जिससे बॉडी में प्रोटीन और फ़ाइबर कि कमी नहीं होती और हॉर्मोन में बैलेंस बना रहता है। जो कि ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करता है। जंक-फूड को कम से कम खायें क्योंकि यह शरीर में हॉर्मोनल डिसबैलेंस बनता है। साथ ही साथ ऐक्टिव लाइफस्टाइल भी अपनाएं।
3. मेंटेन करें सही वज़न
कई बार वज़न का कम या ज्यादा होना शरीर में इंबैलेंस बना देता है जो कि हार्मोन पर असर डालता है, एक सही वज़न बनाए रखना बहुत जरूरी है, इसके लिए एक एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाए। अपने रोज कि दिनचर्या में नियमित व्यायाम, योग या जिम को शामिल करें। ये आपको मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
4. मेनोपॉज के बाद हैल्थ का रखें विशेष ध्यान
महिलाओं में मेनोपॉज के बाद ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उस उम्र में अक्सर हॉर्मोनल असंतुलन के कारण एस्ट्रोजन कि मात्र अधिक हो जाती है जो कि ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। समय - समय पर डॉक्टर से चेकअप भी ज़रूरी है। अपना फुल बॉडी चेकअप करवाएं और उसमें Mamoghraphy को भी शामिल करें। अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें, पौष्टिक आहार का सेवन करें। ऐक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं जो आपको शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से सेहतमंद रखेगा।
5. जानें अपने परिवार का इतिहास
ब्रेस्ट कैंसर अधिकतर जीन के कारण होता है। जीन जो कि हमें अपने माता और पिता से मिलता है। जैसे कई अच्छे गुड, हाइट और शरीर के बाकी अंग अपने माता और पिता से मिलते हैं वैसे ही कभी - कभी उनके जीन में छुपी कोइ गंभीर समस्या भी मिल सकती है इसीलिए यह जानना जरूरी है कि आपके पूर्वज में से किसी को यह बीमारी थी? इससे ब्रेस्ट कैंसर को शुरुआती दिनों में पहचाना जा सकता है। इसीलिए अपने पूर्वज और परिवार के मेडिकल हिस्ट्री को जानना जरूरी है, इससे न केवल ब्रेस्ट कैंसर बल्कि कई ऐसी गंभीर बीमारी का पता लगाया जा सकता है और सही समय पर इलाज किया जा सकता है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।