पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को अक्सर ब्रेस्टफीडिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। हर नई मां को स्तनपान करवाने के दौरान कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में घबराएं नहीं। डॉक्टर के इन टिप्स की मदद से इन स्थितियों से बचें। स्तनपान हर नई मां के लिए एक खास अनुभव है। ब्रेस्टफीडिंग के फायदे को लेकर तो अब बहुत से लोग जागरूक हो रहे हैं पर ब्रेस्टफीडिंग के साथ नई मां को क्या क्या समस्याएं हो रही हैं, उसे लेकर बहुत कम ही लोग जानते हैं। जी हां, हर नई मां को स्तनपान करवाने के दौरान कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जानकारी का अभाव होने के कारण उन्हें ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ती है।
Common Problems Of Breastfeeding: जानें ब्रेस्टफीडिंग की समस्याएं
- शिशु को स्तनपान के दौरान नई मांओं में विभिन्न कारकों से कई बार ब्रेस्ट में दूध बनना कम होने हो जाता है। जैसे कि स्तनपान शुरू करने के लिए बहुत लंबा इंतजार करना, पर्याप्त स्तनपान नहीं करवाना, स्तनपान में कमी और मां द्वारा कुछ दवाओं का उपयोग।
- कभी-कभी ब्रेस्ट सर्जरी भी दूध उत्पादन को प्रभावित करती है।
- बच्चे को फार्मूला फीड देना बंद करें, एक बार भी ये ना करें। विशेष खाद्य पदार्थ या दवाएं खाने से आमतौर पर आपका दूध नहीं बढ़ेगा।
- ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए आपको स्वस्थ खाना है और बहुत सारे तरल पदार्थ पीना चाहिए।
- ब्रेस्टफीडिंग का गोल्डन रूल याद रखें कि आपका बच्चा जितना ज्यादा दूध पी पाएगा, उतना ही आपका ब्रेस्ट मिल्क प्रड्यूस कर पाएगा। ऐसे बहुत कम चिकित्सीय कारण हैं जिनसे आप दूध का उत्पादन नहीं करेंगे।
- ज्यादातर मामले में ये तभी होता है, जब मां बच्चे को फार्मूला फीड देनी लगती है और ब्रेस्ट मिल्क में कमी आ जाती है।
- ब्रेस्ट में मिल्क का प्रोडक्शन ज्यादा हो रहा है तो ऐसे में ब्रेस्ट सख्त और सूज सकते हैं, जिससे आपके स्तनों में दर्द और बच्चे को स्तनपान कराने में मुश्किल हो सकती है। ऐसे में बहुत सी महिलाएं पहले 1-2 हफ्तों में इसका अनुभव करती हैं जब उन्हें स्तनों में भारीपन, कठोरता और दर्द महसूस होती है।
- आप हाथ से एक्सप्रेस/पंप का उपयोग कर ब्रेस्ट मिल्क स्टोर कर सकते हैं। याद रखें कि आप अपने बच्चे को वह दूध पिला सकती हैं जो आपने स्तनों से निकाला है।
- पहली बार मां बनने वाली महिलाओं में निपल्स का सख्त होना और दर्द बहुत आम है। ऐसे में कई बार निप्पल के अन्य क्षेत्र में दर्द, दरार और कभी-कभी ब्लीडिंग भी हो सकती है। इस दौरान मां के लिए स्तनपान कराना बेहद दर्दनाक हो सकता है।
- ऐसे में उपचार के लिए दूध पिलाने के बाद अपने ही दूध को निपल्स पर लगाएं या फिर लैनोलिन आधारित क्रीम का उपयोग करें।
- कुछ माताएं बहुत आसानी से लैचिंग की परेशानी को ठीक कर लेती हैं। हालांकि, अगर आपको समस्या हो रही है तो आपको डॉक्टर, नर्स या फिर किसी सलाहकार से संपर्क करना चाहिए। ज्यादातर मामलों में ये खराब पोजीशन के कारण होती है जिसमें सुधार हो सकता है।