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Menopause Dietary Tips: मेनोपॉजल महिलाओं के लिए सही आहार चुनाव

मेनोपॉज़ के समय महिलाओं के शरीर में बदलाव होते हैं, जिनसे उन्हें अनेक स्वास्थ्य संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उचित आहार और पोषण दिशानिर्देशों का पालन करने से इस अवधि के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

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Dibya Debasmita Pradhan
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Menopause dietary guidelines

Source: Freepik

Dietary Guidelines For Menopausal Women: मेनोपॉज़ के समय महिलाओं के शारीर में बदलाव होते हैं, जिनसे उन्हें अनेक स्वास्थ्य संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस अवधि में शारीरिक गतिविधियों में बदलाव, हार्मोनल परिवर्तन और वजन कमी के संबंध में सावधानी बरतने की जरूरत होती है। उचित आहार और पोषण दिशानिर्देशों का पालन करने से इस अवधि के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

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Menopause Dietary Tips: यहाँ हम जानेंगे कि मेनोपॉज़ल महिलाओं को कैसे आहार व्यवस्था करनी चाहिए

1. Calcium rich food

मेनोपॉज़ के दौरान कैल्शियम युक्त आहार बोन हेल्थ के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। महिलाओं के शरीर में उम्र 30 तक हड्डियों का निर्माण होता है। उसके बाद, आपकी हड्डियां कम होना शुरू हो जाती हैं। महिलाओं मेनोपॉज़ के आस-पास एस्ट्रोजन की कमी होती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का होने का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम युक्त आहार में दूध, दही, पालक, सेसम सीड्स, मक्खन, तिल, तिल के तेल, माखन, ब्रोकली, बादाम और मूंगफली जैसे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। इन्हें नियमित रूप से सेवन करके महिलाएं अपने स्वास्थ्य को समृद्ध बना सकती हैं। 

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2. Phytoestrogen-containing foods

मेनोपॉज़ के दौरान, महिलाओं के लिए फाइटोएस्ट्रोजेन युक्त आहार का महत्वपूर्ण भूमिका है। फाइटोएस्ट्रोजेन खाद्य पदार्थों में उपस्थित होने से महिलाओं की हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है और यह उनकी सेहत को सुरक्षित रखने में मदद करता है। फाइटोएस्ट्रोजेन हॉट फ्लैशेज और अन्य पेरिमेनोपॉज सिंपटम्स को कम करता है। फाइटोएस्ट्रोजेन, एस्ट्रोजन के समान कार्य करते हुए, उम्र बढ़ने वाली महिलाओं में हड्डियों के नुकसान को रोकने में मदद कर सकता है। एस्ट्रोजेन के तरह फाइटोएस्ट्रोजेन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि सोया उत्पाद, लिनसीड, ब्रोकोली, खुबानी, गाजर, तिल और ब्लूबेरी मेनोपॉज़ के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन आहार स्रोतों को नियमित रूप से शामिल करना, महिलाओं की सेहत और वेलबीन बनाए रखने में मदद कर सकता है।

3. Avoid eating high salt foods

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मेनोपॉज़ की स्तिथि में ज्यादा नमकीन खाने से बचना चाहिए। नमक का अधिक सेवन करने से उन्हें ब्लड प्रेशर और वजन नियंत्रण में परेशानी हो सकती है। नमक का सेवन शरीर द्वारा प्रभावी पोषक तत्वों के अवशोषण में भी हस्तक्षेप कर सकता है, जिससे कैल्शियम की कमी होने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, मेनोपॉज़ की स्तिथि में उन्हें हाई नमकीन खाद्य पदार्थों को दूर रहने की सलाह दी जाती है। इस समय में उन्हें अपने आहार में सावधानी बरतनी चाहिए।  

4. Avoid spicy foods

मेनोपॉज़ का समय महिलाओं के जीवन में एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जब उनके शरीर में शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस दौरान उन्हें अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जैसे की मसालेदार खाने। मसालेदार खाने से यहाँ तक कि खट्टा, तीखा और तली हुई चीजें भी, अनेक समस्याओं का कारण बन सकती हैं। यह उनकी पाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है, जिससे उन्हें पेट दर्द, एसिडिटी और अन्य विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, वे इस समय में मसालेदार खानों का सेवन कम से कम करने का प्रयास कर सकती हैं, ताकि उनकी सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव न हो।

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5. Consume omega 3 fatty acids 

मेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ये फैटी एसिड खासकर मछली के तेल, अलसी के बीज और अखरोट में पाए जाते हैं। इनकी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण ये मेनोपॉज़ल लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस समय महिलाओं में ट्राइग्लिसेराइड की अधिकता, जोड़ों का दर्द और मानसिक समस्याओं में सुधार के लिए ओमेगा-3 फैट्स उपयुक्त होते हैं। ट्राइग्लिसेराइड की अधिकता हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकती है, जबकि ओमेगा-3 इसे कम करने में सहायक हो सकता है। इसके साथ ही, ये फैट्स मेनोपॉज़ल आर्थराइटिस और हॉट फ्लशेस के लक्षणों को भी कम कर सकते हैं।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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