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क्या बांझपन सिर्फ महिलाओं की समस्या है? जानिए Dr. Sheetal Jindal से

हाल ही में SheThePeople के साथ एक इंटरव्यू के दौरान हमने IVF एक्सपर्ट डॉ. शीतल जिंदल से बांझपन में महिलाओं को कलंकित मानने को लेकर चर्चा और उनके यह जानने का प्रयास किया कि क्या बांझपन सिर्फ महिलाओं की समस्या है?

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Priya Singh
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Dr Sheetal Jindal talks about infertility problem

Dr. Sheetal Jindal talks about infertility problem: बांझपन को अक्सर मुख्य रूप से महिलाओं का मुद्दा माना जाता है, लेकिन यह दृष्टिकोण पुराना और अधूरा है। गर्भधारण की संभावना में पुरुष और महिला दोनों समान रूप से योगदान करते हैं और प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाले कारक किसी भी साथी से उत्पन्न हो सकते हैं। सही जानकारी और प्रभावी उपचार के लिए प्रजनन संबंधी मुद्दों में साझा जिम्मेदारी को समझना महत्वपूर्ण है। आइये हेल्थ एक्सपर्ट से जानते हैं कि क्या है इसके पीछे की सच्चाई-

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क्या बांझपन सिर्फ महिलाओं की समस्या है? जानिए Dr. Sheetal Jindal से

हमारे समाज में इन्फ़र्टिलिटी या बांझपन को एक कलक के रूप में देखा जाता है और जिन दम्पतियों को इसका सामना करना पड़ता है उनके बारे में अक्सर समाज में अजीबो-गरीब बातें की जाती हैं। हमारा समाज पितृ सत्तात्मक रहा है जिस कारण से लोग यह एक्सेप्ट नहीं करते हैं कि बांझपन की वजह एक पुरुष भी हो सकता है लोग महिलाओं को ही इसका कारण मानते और अक्सर माँ ना बन पाने वाली महिला पर सवाल उठाए जाते हैं उसे बांझपन का नाम दे दिया जाता है। यह एक गम्भीर विषय है जिसके बारे में बात की तो जानी चाहिए लेकिन इस पर बात नही की जाती है। यही कारण हैं कि बांझपन को लेकर हमारे समाज में बहुत ही गलत धारणा बनी हुई है।

हाल ही में SheThePeople के साथ एक इंटरव्यू के दौरान हमने IVF एक्सपर्ट डॉ. शीतल जिंदल से बांझपन में महिलाओं को कलंकित मानने को लेकर चर्चा और उनके यह जानने का प्रयास किया कि क्या बांझपन सिर्फ महिलाओं की समस्या है? इसके जवाब में डॉ. शीतल जिंदल ने हमें बताया कि,

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“नहीं, बांझपन सिर्फ महिलाओं की समस्या नही हैं। उन्होंने कहा कि इन्फर्टिलिटी एक कपल प्रॉब्लम है। क्योंकि एक बच्चा पैदा करने के लिए दोनों की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी कहा कि समस्या अगर किसी एक में है तो इसका मतलब यह नहीं होता है कि दूसरा बिलकुल नार्मल होगा। साथ ही जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एज़ोस्पर्मिया और कई ऐसे इशूज होते हैं जिनकी वजह से सुक्राणु नहीं बनते ऐसे में गर्भधारण में समस्या होती है। उन्होंने कहा कि बांझपन के 30 से 40 प्रतिशत मामलों में पुरुष जिम्मेदार होते हैं।

पुरुष और महिला दोनों ही विभिन्न जोखिम कारकों से प्रभावित होते हैं जो बांझपन में योगदान कर सकते हैं। धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, नशीली दवाओं का उपयोग और मोटापा जैसे जीवनशैली विकल्प दोनों लिंगों में प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। विषाक्त पदार्थों और रेडिएसन के संपर्क सहित पर्यावरणीय कारक भी प्रजनन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। गर्भधारण की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए इन साझा जोखिम कारकों को समझना आवश्यक होता है।

कलंक को तोड़ना

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यह गलत धारणा कि बांझपन केवल महिलाओं का मुद्दा है, कलंक और गलत सूचना को बढ़ावा देती है। इस तथ्य को उजागर करने के लिए शिक्षा और जागरूकता प्रयासों की आवश्यकता है कि बांझपन एक साझा समस्या है। दम्पत्तियों के बीच खुले संचार और समझ को प्रोत्साहित करने से मिथकों को दूर करने और बांझपन की चुनौतियों का सामना करने वाले जोड़ों के लिए अधिक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।

Dr. Sheetal Jindal बांझपन Infertility
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