Soy Disadvantages: सोयाबीन के अधिक सेवन से महिलाओं को हो सकते हैं ये नुकसान

सोयाबीन स्वास्थ्य के लिए एक पौष्टिक आहार मानी जाती है लेकिन महिलाओं को इसका सेवन एक सीमित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि अत्यधिक सोयाबीन के सेवन से उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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Kirti Sirohi
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Image: (Freepik)

Excessive Consumption Of Soy Can Cause These Harms To Women: सोयाबीन हेल्दी प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होती है और खासतौर पर उन महिलाओं के लिए जो वेजिटेरियन हैं और खाने में मीट आदि नहीं लेती हैं। सोयाबीन सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होती है क्योंकि इसमें ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। लेकिन अगर महिलाएं इसका ज्यादा सेवन करती हैं तो यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी पैसा कर सकती हैं। आज हम आपको बताएंगे कि सोयाबीन का अधिक सेवन महिलाओं के लिए किन किन परेशानियों को वजह बन सकती है।

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सोयाबीन के महिलाओं को नुकसान

हार्मोनल असंतुलन 

सोयाबीन में फ़ाइटोएस्ट्रोजन (Phytoestrogens) नामक प्लांट कंपाउड होते हैं जो शरीर में प्राकृतिक एस्ट्रोजन हार्मोन की नकल कर सकते हैं यानी एस्ट्रोजन जैसा ही काम करने लग जाते हैं। महिलाओं के शरीर में पहले से ही एस्ट्रोजन पाया जाता है लेकिन सोयाबीन के सेवन के बाद यह मात्रा शरीर में बढ़ जाती है और इससे उनमें हार्मोनल असंतुलन होने की संभावना रहती है। इससे महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है और साथ ही अनचाहे हार्मोनल बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यह तत्व पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), ब्रेस्ट कैंसर, और प्रजनन से जुड़ी अन्य समस्याओं का खतरा भी महिलाओं में बढ़ा सकता है।

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मासिक धर्म के दौरान अनियमितता

सोयाबीन का अधिक सेवन महिलाओं के मेंस्ट्रुअल साइकिल गड़बड़ा सकता है। ऐसे में जिन महिलाओं को हमेशा से पीरियड्स में अनियमितता की समस्या होती है उनके लिए सोयाबीन का ज्यादा सेवन इसे और बढ़ा सकता है। फ़ाइटोएस्ट्रोजन शरीर के प्राकृतिक हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ सकते हैं जिससे हेवी फ्लो या पीरियड्स मिस होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

थायराइड का खतरा

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सोयाबीन में गोइट्रोजेन्स (Goitrogens) तत्व होते हैं जो थायराइड ग्लैंड को अपना कार्य नहीं करने देते हैं और आयोडीन के एब्जॉर्बशन को बाधित कर सकते हैं। इससे हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) की समस्या हो सकती है क्योंकि थायराइड हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है और जब यह सही से काम ही नहीं कर पाएगा तो वजन बढ़ने, थकान होने और स्किन से जुड़ी समस्याएं होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए जिन महिलाओं को थायराइड की समस्या पहले से है, उन्हें सोयाबीन का सीमित सेवन करना चाहिए।

मूड स्विंग्स और वाटर रिटेंशन 

सोयाबीन का ज्यादा सेवन करने से महिलाओं के इसका मन पर भी असर हो सकता है। जिस वजह से हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं में चिड़चिड़ापन, अवसाद और मूड स्विंग की समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही सोयाबीन का अधिक सेवन शरीर में पानी को रोकने का काम भी करता है जिससे महिलाओं को सूजन, पेट फूलना और भारीपन महसूस हो सकता है।

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गैस और ब्लोटिंग की समस्या

सोयाबीन के अधिक सेवन से पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि सोयाबीन पचाने में समय लगती है और इसमें मौजूद फाइबर गैस और ब्लोटिंग का कारण बन सकते हैं इसलिए कुछ महिलाओं को इससे अपच, एसिडिटी और पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। खासकर अगर किसी को इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम आदि पर से जुड़ी समस्याएं हैं तो उन्हें सोयाबीन का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।

किडनी संबंधी समस्याएं

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सोयाबीन में ऑक्सलेट्स होते हैं जो किडनी स्टोन का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसलिए किसी महिला को किडनी से जुड़ी समस्या है तो सोयाबीन का अधिक सेवन इन समस्याओं को और बढ़ा सकता है। इसके अलावा सोयाबीन में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है जो किडनी पर दबाव डालता है जिससे गुर्दों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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