आज के समय में खराब जीवनशैली के विकल्प बड़े पैमाने पर हैं, जिसके साथ ही हार्मोनल असंतुलन सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं आती हैं। हम बहुत से लोगों को हार्मोनल समस्याओं से जूझते हुए देखते हैं, जो अवसाद, वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, एक्ने, थकान, ऑटोइम्यून रोग, पीसीओएस / पीसीओडी और ऐसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। मूल कारण का पता लगाना और उससे निपटना हमेशा एक अच्छा विचार है। अपने आहार की मदद से हार्मोन को बैलेंस करने का कोई बेहतर तरीका नहीं है।
हार्मोनल संतुलन के लिए कुछ डाइट टिप्स:
1. स्वस्थ फैट्स
नारियल तेल, घर का बना घी या मक्खन, अंडे का पीला हिस्सा और नट्स जैसे खाद्य पदार्थों में फैट्स होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, इसे पर्याप्त एनर्जी और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जो हार्मोनल प्रोडक्शन को बढ़ावा देते हैं।
2. बीज
कददू के बीज, अलसी, तिल और सूरजमुखी के बीज में जिंक और सेलेनियम की मात्रा अधिक होती है जो थायरॉयड ग्लैंड की सेहत को बनाए रखते हैं। यह हार्मोन संतुलन को ठीक करने में बहुत मदद करता है।
3. रंगीन आहार
अधिकतम पोषण प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करें। यहां कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं और एक साथ समूह बना सकते हैं।
बैंगनी - बैंगन, बैंगनी गोभी, ब्लैक करंट, किशमिश
नीला - नीला जामुन (ब्लू बेर्री)
हरा - ब्रोकली, गोभी, फूलगोभी, केल
पीला - पीली कैप्सिकम, केसर, एवोकैडो
लाल - सेब, बेर, तरबूज, चेरी, स्ट्रॉबेरी
सफेद - केला , मशरूम, अदरक, फूलगोभी
4. हर्बल चाय
एक स्वस्थ लिवर हार्मोन मेटाबोलिज्म और शरीर की डिटॉक्स प्रणाली को बढ़ावा देता है। हर्बल चाय तुलसी या डंडेलिओन वाली चाय की पेय कैफीन मुक्त हैं और वे नसों को शांत करके आराम करने में भी मदद करते हैं।
5. प्रोबायोटिक्स
अधिकांश हार्मोन इंटेस्टाइन में सेक्रिट होते हैं, इसलिए प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही, छाछ और कांजी का पानी पाचन तंत्र को सुचारू बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
6. प्रोटीन का सेवन बढ़ाएँ
स्वस्थ पोषण स्तर तक पहुँचने के लिए अपनी प्लेट को स्वस्थ कार्ब्स और फैट्स के साथ प्रोटीन से भरें। प्रोटीन अमीनो एसिड में टूट जाते हैं और हमारी भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को संकेत देते हैं।
7. चीनी और रिफाइंड कार्ब्स से बचें
रिफाइंड चीनी और रिफाइंड कार्ब्स को स्वस्थ कार्ब्स से बदला जाना चाहिए। मैदे की जगह साबुत गेहूं, ओट्स और ऐसे ही अन्य हेल्दी कार्ब्स लें। अपने भोजन को चीनी के बजाय फल, खजूर और शहद जैसे स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों से मीठा करें।
हार्मोनल इम्बैलेंस लाइफस्टाइल के समस्या के वजह से होता है, इसलिए दवा के साथ लाइफस्टाइल चैंजेस भी ज़रूरी हैं। डाइट, नींद और एक्सेर्साइज़ का ध्यान रखें।