बहन-भाई का रिश्ता दुनिया के सबसे खूबसूरत रिश्तों में से एक होता है। यही वजह है कि हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन, बहन भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती है। इस साल भाई दूज का त्यौहार कब मनाया जाएगा? क्या होगा शुभ मुहूर्त और भाई दूज का महत्व क्या है? इस सभी सवालों के जवाब आज आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जानने को मिलेंगे-
Happy Bhai Dooj 2022: जानिए भाई दूज कब है और इसका महत्व
मान्यता है कि इस दिन यदि विधि-विधान से पूजा की जाए, तो यमराज प्रसन्न होकर पूजा करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसीलिए आज के दिन सभी महिलाएं अपने भाइयों के बेहतर स्वस्थ्य और भविष्य के लिए दिल लगा कर पूजा करती हैं।
हर साल भाई दूज का त्यौहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। तो इस साल, 24 अक्टूबर और दिवाली होने के बाद 25 को सूर्य ग्रहण है जिसके बाद 27 अक्टूबर भाई दूज की तिथि निश्चित हुए हैं।
शुभ मुहूर्त: भाई दूज 26 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे से माना जा रहा है। यह शुभ मुहूर्त सूर्योदय के बाद से तुरंत चालू हो जाता है। यही मुहूर्त अगले दिन यानी 27 अक्टूबर को शुभ मुहूर्त 1 :45 पर खतम होता है।
जानिए भाई दूज का महत्व
इस दिन बहन-भाई के लिए यमुना में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। हालांकि बहुत से लोग इसके पीछे की वजह नहीं जानते हैं। भाई दूज के दिन यमुना में स्नान करना बहुत अच्छा माना जाता है। कहा जाता है कि सूर्य की पत्नी संज्ञा के 2 बच्चे थे। 1 बेटा और 1 बेटी। पुत्र का नाम यम था और बेटी का नाम यमुना। संज्ञा अपने पति सूर्य की तेज किरणों को सहन नहीं कर पाती थी और इसी वजह से वो उत्तरी ध्रुव में छाया बनकर रहने लग गई थी। कहा जाता है कि इसी के बाद ताप्ती नदी और शनि ने भी जन्म लिया था।
संज्ञा के उत्तरी ध्रुव में रहने के बाद से यम और यमुना का आपस में व्यवहार बदलने लग गया था। इसी को देखते हुए यम ने अपनी नगरी बसाई थी जिसका नाम यमपुरी था। कुछ साल बाद यम को अपनी बहन यमुना की याद सताने लगी। यम ने दूतों को अपनी बहन खोजने के लिए भी भेजा लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला।