/hindi/media/media_files/w2lAgUJD205l3l9MeZFZ.png)
File Image
Women's Health: गर्भाशय में गांठ (फाइब्रॉइड) महिलाओं में पाई जाने वाली एक सामान्य समस्या है, जिससे जुड़े कई मिथक भी हैं। अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या यह गांठ कैंसर का संकेत है? वास्तव में, फाइब्रॉइड गैर-कैंसरजन्य होती है, जो गर्भाशय की मांसपेशियों और ऊतकों से बनती है। यह कई महिलाओं में पाई जाती है और आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होती है। लेकिन इसके बढ़ने और लक्षणों के आधार पर मेडिकेशन की आवश्यकता हो सकती है। आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
क्या गर्भाशय में गांठ (फाइब्रॉइड) होने का मतलब कैंसर है?
गर्भाशय में गांठ या फाइब्रॉइड एक मुलायम (गैर-कैंसरजन्य) वृद्धि होती है, जो हार्मोनल असंतुलन, जेनेटिक कारणों, मोटापे और लाइफस्टाइल से जुड़ी हो सकती है। यह आमतौर पर प्रजनन आयु की महिलाओं में विकसित होती है और इसके विकास को एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन हार्मोन प्रभावित करते हैं। यह गांठें छोटी से बड़ी हो सकती हैं और कभी-कभी इतनी बड़ी हो जाती हैं कि पेट में भारीपन और दर्द होने लगता है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि ज्यादातर मामलों में ये कैंसर में परिवर्तित नहीं होतीं और कई बार बिना किसी उपचार के भी ठीक हो सकती हैं।
फाइब्रॉइड का मतलब कैंसर नहीं होता। 99% से अधिक मामलों में ये गांठें सौम्य होती हैं और कोई गंभीर खतरा नहीं पैदा करतीं। हालांकि, बहुत ही दुर्लभ परिस्थितियों में "यूटेराइन सार्कोमा" नामक कैंसर गर्भाशय में विकसित हो सकता है, जो फाइब्रॉइड से मिलता-जुलता हो सकता है। लेकिन यह अत्यंत दुर्लभ होता है और अधिकांश महिलाओं को इससे घबराने की जरूरत नहीं होती। अगर गांठ तेजी से बढ़ रही हो, अत्यधिक ब्लीडिंग हो रहा हो या पेट में लगातार दर्द और सूजन बनी रहती हो, तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
फाइब्रॉइड के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं में यह बिना किसी लक्षण के मौजूद रहते हैं, जबकि कुछ में पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग, अनियमित पीरियड्स, पेट में भारीपन, बार-बार पेशाब आना और गर्भधारण में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर यह गांठें बड़ी हो जाती हैं, तो गर्भाशय पर दबाव बना सकती हैं, जिससे दर्द और असहजता महसूस हो सकती है। कभी-कभी यह प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं और गर्भधारण में बाधा बन सकती हैं।
फाइब्रॉइड के उपचार के लिए कई विकल्प भी उपलब्ध हैं, जो इसके आकार, लक्षणों और महिला की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करते हैं। छोटे और बिना लक्षण वाले फाइब्रॉइड के लिए किसी विशेष मेडिकेशन की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन अगर लक्षण गंभीर हैं, तो दवाइयों, हार्मोनल थेरेपी, गैर-सर्जिकल प्रक्रियाओं (जैसे एम्बोलाइज़ेशन), और सर्जरी (मायोमेक्टॉमी या हिस्टेरेक्टॉमी) जैसे विकल्प अपनाए जा सकते हैं। स्वस्थ लाइफस्टाइल, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और मोटापे से बचाव फाइब्रॉइड के खतरे को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
यह समझना जरूरी है कि गर्भाशय में गांठ होना सामान्य है और इसका मतलब कैंसर नहीं होता। अगर कोई महिला इससे संबंधित लक्षण महसूस कर रही है, तो उचित चिकित्सा सलाह लेना सबसे बेहतर होगा।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।