डॉक्टर भी रह गए हैरान! पालतू कुत्ते ने मालिक के कैंसर का पता लगाया

पेनसिल्वेनिया की ब्रेअन्ना बोर्टनर के पालतू डॉग ने उनकी ब्रेस्ट कैंसर की पहचान डॉक्टरों से पहले ही कर ली। जानें कैसे कुत्ते इंसानों की जान बचाने में मदद कर सकते हैं और विज्ञान इस पर क्या कहता है।

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Vaishali Garg
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Cancer

क्या एक पालतू कुत्ता इंसान की जान बचा सकता है? अमेरिका की एक महिला का मानना है कि उसका डॉग उसकी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत डॉक्टरों से पहले ही दे चुका था। यह कहानी सिर्फ एक संयोग नहीं बल्कि विज्ञान द्वारा भी प्रमाणित एक अनोखी घटना है।

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कुत्ते की अनोखी संवेदनशीलता: पालतू डॉग ने मालिक की ब्रेस्ट कैंसर का लगाया सही अंदाजा

कुत्ते ने पहले ही भांप लिया खतरा

पेनसिल्वेनिया की रहने वाली 31 वर्षीय ब्रेअन्ना बोर्टनर का मानना है कि उनके डॉग मोची ने उनकी ब्रेस्ट कैंसर की पहचान पहले ही कर ली थी। जून 2023 में, उन्होंने देखा कि उनका पालतू कुत्ता उनके दाहिने ब्रेस्ट को बार-बार सूंघ रहा था, पंजों से छू रहा था और उस पर दबाव बना रहा था। पहले तो उन्होंने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया, लेकिन जब उनके परिवार के दूसरे डॉग गनर ने भी ऐसा ही करना शुरू किया, तो उन्हें शक हुआ।

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ब्रेअन्ना पिछले एक साल से लगातार थकान महसूस कर रही थीं, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। फिर एक दिन, जब वे एक मच्छर के काटे हुए हिस्से को खुजा रही थीं, तब उन्हें वहां एक गांठ महसूस हुई। तभी उन्हें कुत्तों की असामान्य हरकतों का सही मतलब समझ आया।

डॉक्टरों ने की कैंसर की पुष्टि

शक के आधार पर जब ब्रेअन्ना डॉक्टर के पास गईं, तो उन्हें एक खतरनाक सच का सामना करना पड़ा। उनकी रिपोर्ट्स में ‘स्टेज 2B ट्रिपल-नेगेटिव इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा’ पाया गया, जो एक बेहद आक्रामक ब्रेस्ट कैंसर का प्रकार है। "यह कैंसर बहुत तेजी से फैलता है। तीन महीने पहले तक यह महसूस भी नहीं हो रहा था, और अब यह एक स्पष्ट गांठ में बदल गया था," उन्होंने बताया।

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अमेरिका में ब्रेस्ट कैंसर के आंकड़े

  • अमेरिका में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है।
  • हर 8 में से 1 महिला अपने जीवनकाल में ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित होती है।
  • शुरुआती पहचान से बचने की संभावना 89% होती है, जबकि कैंसर फैलने के बाद यह घटकर 31% रह जाती है।
  • ब्रेअन्ना को 16 राउंड कीमोथेरेपी और डबल मास्टेक्टॉमी (स्तनों को हटाने की प्रक्रिया) से गुजरना पड़ा। लेकिन वे जानती हैं कि मोची की संवेदनशीलता ने उन्हें समय रहते इलाज के लिए प्रेरित किया।

क्या सच में कुत्ते कैंसर का पता लगा सकते हैं?

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वैज्ञानिक शोध भी इस तथ्य का समर्थन करते हैं कि कुत्ते कैंसर जैसी बीमारियों का पता लगाने में सक्षम हो सकते हैं। 2019 के एक अध्ययन में पाया गया कि प्रशिक्षित कुत्ते खून के नमूनों में 97% सटीकता के साथ कैंसर का पता लगा सकते हैं। अन्य शोधों में यह भी सामने आया है कि कुत्ते ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, सर्वाइकल और फेफड़ों के कैंसर को सूंघकर पहचान सकते हैं, और कई बार यह मेडिकल जांच से भी पहले हो जाता है।

मोची बना ब्रेअन्ना का सबसे बड़ा सहारा

ब्रेअन्ना के लिए मोची सिर्फ एक डॉग नहीं, बल्कि उनकी हीलिंग जर्नी का सबसे बड़ा साथी था।

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"मैं लगातार रोती रहती थी, और मोची को यह बिल्कुल पसंद नहीं था। वह हमेशा मेरे पास रहता, मुझे हिम्मत देता। उसने मेरी जिंदगी में एक बड़ा उद्देश्य पूरा किया," उन्होंने कहा।

2024 में ब्रेअन्ना को आखिरकार वह खबर मिली जिसका वे बेसब्री से इंतजार कर रही थीं वह कैंसर-मुक्त हो चुकी थीं! और इस खुशी के मौके पर मोची भी उनके साथ था। "यह वाकई अद्भुत था कि जिस कुत्ते ने सबसे पहले मेरी बीमारी को महसूस किया, वही मेरी रिकवरी का भी गवाह बना," उन्होंने खुशी-खुशी कहा। हालांकि, वे अब भी हर तीन महीने में स्कैन करवाती हैं ताकि किसी भी संभावित पुनरावृत्ति पर नजर रखी जा सके।

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