वजाइना का पी एच(ph) लेवल उसे स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वजाइना का ph लेवल थोड़ा एसिडिक होता है, और 3.5 और 4 के बीच में होता है। कभी कभी वजाइना के ph में अंतर हो सकती है, जिससे खुजली, जलन, डिस्चार्ज में अंतर, जैसी समस्या हो सकते हैं। वजाइना का ph बढ़ने पर आपको इन्फेक्शन होने के संभावना भी बढ़ जाते हैं। इसलिए वजाइना के पह को बैलेंस में रखना ज़रूरी है।
वजाइना के ph को बैलेंस में रखने के टिप्स:
1. प्रोबायोटिक खाए
प्रोबायोटिक वह अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो बुरे बैक्टीरिया से शरीर की रक्षा करते हैं। एक स्वस्थ वजाइना में लैक्टोबैसिली नमक बैक्टीरिया होना ज़रूरी है। इसे सप्लीमेंट के तौर पर सेवन किया जा सकता है, इंटरवाजिनली लिया जा सकता है, और दही जैसे खाने के सेवन से भी पाया जा सकता है।
दही खाना सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि आपको प्रोबिओटिक के साथ प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भी मिल जाते हैं।
2. स्ट्रेस कम करें
स्ट्रेस एक बहुत ही हानिकारक अवस्था है, और इसका असर आपके वजाइना के ph पर भी पढ़ सकता है। प्रतिदिन खुद को डिस्ट्रेस करने के लिए कुछ समय निकालें, चाहे एक्सेर्साइज़ करें, मेडिटेट करें, गाने सुने या अपने किसी हॉबी को करें। आप काम के बीच भी 5 मिनट ब्रेक लेकर गहरी सांसे ले कर खुद के स्ट्रेस को कम कर सकते हैं।
3. वजाइना में स्ट्रांग साबुन न डालें
वजाइना एक सेल्फ-क्लीनिंग ऑर्गन है, यानि वह खुद से ही खुद को साफ़ कर लेता हैं। इसलिए आपको अपने वजाइना को केवल साफ़ पानी से धोने की ज़रूरत है। आप गुनगुने पानी का भी प्रयोग कर सकते हैं। अगर आप साबुन डालना चाहते हैं, तो एक उनसेंटेड माइल्ड साबुन से अपने वल्वा को साफ करें, पर वजाइना में साबुन न डालें।
गइनेकोलॉजिस्ट्स के अनुसार महिलाओं को इंटिमेट वाश की कोई ज़रूरत नहीं होती है। केवल अगर उन्हें कोई इन्फेक्शन है, तो डॉक्टर के सलाह का वाश ही यूज़ करें।
4. अंडरवियर पर ध्यान दें
अपने अंडरवियर को चुनते समय ध्यान रखें कि वह नरम और ब्रीथेबल मटेरियल का हो, जैसे की कॉटन का। अगर आपको ज़्यादा पसीना हो रहा है तो अंडर वियर चेंज कर लें। आप रात को बिना अंडर वियर का सो सकते हैं अगर दिन में ज़्यादा मॉइस्चर बिल्ड अप हुआ था।
5. धूम्रपान कम करें
धूम्रपान के अनगिनत हानि हैं, और वजाइना के ph को इफेक्ट करना उनमें से एक है। इसलिए अगर आप डूमरपान करते हैं तो कम करने या छोड़ देने का प्रयास करें।
अगर आपको लगातार खुजली, जलन या डिस्चार्ज के रंग में बदलाव या दुर्गंध मिल रही है तो डॉक्टर की सलाह ले।