गुस्सा एक बहुत ही पावरफुल फीलिंग होती है।गुस्सा इंसान में नेगेटिविटी को भर देता है। जब क्रोध की बात आती है तो यह आपके द्वारा व्यक्त किए जाने के तरीके पर निर्भर करता है, और यदि यह कण्ट्रोल से बाहर हो जाता है, तो यह आपके जीवन में कहर बरपा सकता है।आपकी लाइफ में हर तरह की फीलिंग्स की तरह ही गुस्से को भी कण्ट्रोल और मैनेज करना आपको आना चाहिए। आज हम बात करेंगे उन्हीं टिप्स और ट्रिक्स के बारें में, जिनकी मदद से आप अपने गुस्से को कण्ट्रोल कर सकती है।
Anger Management Tips: अपने गुस्से को कैसे करें कण्ट्रोल
रिएक्शन और रेस्पॉन्ड में अंतर समझें-
इन दो शब्दों को करीब से देखने से पता चलता है कि वे वास्तव में कितने अलग हैं। एक व्यक्ति जो रिएक्शन देता है, वह जो कहता है या करता है उसके नेगेटिव परिणामों पर विचार नहीं करता है। दूसरी ओर, एक रेस्पॉन्ड इससे काफी अलग चीज़ है, यह विचारशील और गैर-धमकी देने वाली होती है, यह आपकी और आपके आसपास के लोगों की भलाई पर विचार करती है। हेमशा गुस्से के बारें में न सोचे: ऐसा करने से आप खुद को गुस्से का शिकार बना सकते हैं। कभी कभी गुस्सा खुशियों को भी निगल जाता है।
गुस्सा न करें बल्कि खुद को रखें शांत
आक्रामक होने के बजाय मुखर रहें: मुखर प्रतिक्रियाएं शांत, सीधी और बिंदु तक होती हैं। दावे अपमानजनक और डराने वाले बयानों या शब्दों से मुक्त होते हैं, वे अक्सर वास्तविक करुणा दिखाने के लिए पर्याप्त होते हैं, और चर्चा के तहत विषय में रुचि जगाते हैं।
रिलैक्सिंग करना और मैडिटेशन
डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, गाइडेड माइंडफुलनेस मेडिटेशन, प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन ब्रीदिंग के साथ डिटॉक्स, ये शुरू करने के सबसे सरल तरीके हैं। रोज व्यायाम करने से भी बॉडी डीटॉक्स होती है और फिर हमारे बॉडी की सभी नेगेटिविटी बाहर आ जाती हैं। अपने गुस्से को कण्ट्रोल में रखने किये आपको जरुरत है डेली एक्सरसाइज और मैडिटेशन की।
फिजिकल एक्टिविटी
शारीरिक व्यायाम क्रोध को कम करता है; यह एक मैकेनिज्म है जो क्रोध के कारण होने वाली एक्स्ट्रा ऊर्जा को जला देता है। व्यायाम से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं और तुरंत आराम का अहसास होता है। इसके लाभों को प्राप्त करने के लिए अपने पसंदीदा खेल या एरोबिक व्यायाम जैसे तेज चलना, दौड़ना, सप्ताह में 4 बार 30 मिनट के लिए जॉगिंग में शामिल हों।
बेसिक नींद है जरुरी
एंगर मैनेजमेंट का सबसे इम्पोर्टेन्ट हिस्सा है आपकी बेसिक नींद। एक आम इंसान को (एडल्ट) कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरुरी होती है। कई बार देखा गया है कि जिन लोगों की नींद ठीक तरीके से पूरी नहीं हो पायी हो वह बेवजह गुस्सा करते हैं और उनमे खुद का एंगर मैनेजमेंट फेल हो जाता है। नींद आपके तनाव के स्तर को कम करती है और आपके मस्तिष्क को डिटॉक्सीफाई करती है, जिससे आप ऊर्जावान और मिलनसार बनते हैं। इसके अलावा, सोने से पहले निकोटीन, कैफीन और अल्कोहल से बचें क्योंकि यह नींद में खलल डालता है।