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PMS Photograph: (Freepik)
How to reduce PMSing: प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) एक आम लेकिन परेशान करने वाली सिचुएशन है, जिससे बहुत महिलाएँ पीरियड्स से कुछ दिन पहले गुजरती हैं। यह फिजिकल, मेंटल और इमोशनल साइंस का एक मिक्स होता है, जो व्यक्ति की रुटीन, मूड और एनर्जी लेवल पर असर डाल सकता है। सिरदर्द, थकान, चिड़चिड़ापन, दुख, ब्रेस्ट में दर्द, और सूजन जैसे लक्षण आम तौर पर PMS का हिस्सा होते हैं। हालांकि यह हर महिला को अलग-अलग लेवल पर असर करता है, पर इसके सिम्पटम्स को इग्नोर करना मुश्किल होता है। अच्छी बात यह है कि कुछ नेचुरल रेमेडीज, लाइफस्टाइल में बदलाव और ठीक देखभाल के जरिए PMS के लक्षणों को कम किया जा सकता है, जिससे महिलाएं न केवल शारीरिक रूप से बेहतर महसूस कर सकती हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी बैलेंस पा सकती हैं। आइए डिटेल से जानें कि किन तरीकों से हम प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को कम कर सकते हैं।
कैसे कम करें प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को?
1. बैलेंस्ड डाइट खाएं
हेल्दी डाइट आपके हार्मोन को बैलेंस्ड रखने में मदद करता है। रोजाना भोजन में हरी सब्जियाँ, ताजे फल, साबुत अनाज (ओट्स, ब्राउन राइस), प्रोटीन सोर्स (जैसे दालें, अंडा, दूध) खाएं। ज़्यादा नमक, चीनी, कैफीन, और प्रोसेस्ड फूड्स जैसे चिप्स, कोल्ड ड्रिंक से परहेज़ करें, क्योंकि ये सूजन और चिड़चिड़ापन बढ़ा सकते हैं।
2. स्ट्रेस कम करें
मेंटल स्ट्रेस PMS के सिम्पटम्स को और भी ज़्यादा बढ़ा सकता है। मेडिटेशन, प्राणायाम, डीप ब्रीदिंग, जर्नलिंग, या सॉफ्ट म्यूजिक सुनना मेंटल पीस में मदद कर सकता है। स्ट्रेस कम होने से चिड़चिड़ापन, सिरदर्द और बेचैनी जैसी समस्याएँ कम होती हैं।
3. कैफ़ीन कम करें
कॉफी, कोल्ड ड्रिंक और शराब जैसी चीजों में मौजूद कैफीन और अल्कोहल नींद पर असर करते हैं और मूड स्विंग्स, बेचैनी और थकावट को बढ़ा सकते हैं। इन्हें पूरी तरह से बंद करें ताकि आपकी हैल्थ अच्छी रहे।
4. भरपूर नींद लें
नींद की कमी हार्मोनल इंबैलेंस को बढ़ा देती है जिससे PMS के लक्षण ज्यादा तेज़ हो जाते हैं। हर दिन कम से कम 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेना ज़रूरी है। सोने से एक घंटा पहले मोबाइल या टीवी से दूरी बनाएं और शांत माहौल में सोने की कोशिश करें।
5. ज़रूरी सप्लीमेंट्स लें
कुछ पोषक तत्व PMS को कम करने में सहायक होते हैं। जैसे कि कैल्शियम मांसपेशियों की ऐंठन को कम करता है। मैग्नीशियम सिरदर्द और मूड स्विंग्स को घटाता है। विटामिन B6 थकान और चिड़चिड़ापन को कम करता है। सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।