महिलाएं इस तरह करें Postpartum Depression से डील

पोस्टपार्टम डिप्रेशन से निपटने के लिए महिलाओं को परिवार और दोस्तों से बात करनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह, मेडिटेशन और आराम से मानसिक संतुलन बनाएं।

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Vedika Mishra
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मां बनना जीवन का खूबसूरत अनुभव है लेकिन इसके साथ शारीरिक और मानसिक बदलाव भी आते हैं। कई महिलाएं बच्चे के जन्म के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन (PPD) का सामना करती हैं। यह एक सामान्य स्थिति है जिसमें नई माताओं को उदासी, चिंता और निराशा का अनुभव हो सकता है। सही उपाय और सहयोग से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।

महिलाएं इस तरह करें Postpartum Depression से डील

पोस्टपार्टम डिप्रेशन क्या है?

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पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक मानसिक स्थिति है, जो बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को प्रभावित करती है। यह हार्मोनल असंतुलन, नींद की कमी और नई जिम्मेदारियों के कारण हो सकता है। इसके लक्षणों में लगातार उदासी, चिड़चिड़ापन, थकान, आत्मग्लानि और बच्चे की देखभाल में रुचि की कमी शामिल हो सकते हैं।

पोस्टपार्टम डिप्रेशन से निपटने के तरीके

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें

  1. संतुलित आहार: पौष्टिक भोजन जैसे हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त आहार लें। यह न केवल शरीर को ऊर्जा देता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।
  2. व्यायाम: हल्के व्यायाम और योग postpartum recovery में सहायक होते हैं। ये तनाव को कम करते हैं और मन को शांत रखते हैं।
  3. पर्याप्त नींद: नई मां के लिए पूरी नींद लेना मुश्किल हो सकता है लेकिन छोटे-छोटे ब्रेक में आराम करना जरूरी है।

सहायता मांगने में झिझक न करें

  1. पारिवारिक सहयोग: घर के कामों और बच्चे की देखभाल में परिवार के सदस्यों की मदद लें।
  2. दोस्तों से बात करें: अपनी भावनाओं और चिंताओं को दोस्तों और करीबी लोगों से साझा करें।
  3. पेशेवर मदद लें: यदि लक्षण गंभीर हैं तो चिकित्सक या थेरेपिस्ट से संपर्क करें। थेरेपी और काउंसलिंग मानसिक स्वास्थ्य सुधारने में मददगार होती है।

खुद के लिए समय निकालें

सेल्फ-केयर को प्राथमिकता दें

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अपने लिए थोड़ा समय निकालें और उन गतिविधियों को करें, जो आपको खुशी देती हैं जैसे किताबें पढ़ना, संगीत सुनना या ध्यान लगाना।

हॉबीज पर ध्यान दें

गृहस्थी और मातृत्व के बीच अपनी रुचियों को जिंदा रखें। यह आपको मानसिक रूप से सक्रिय और संतुष्ट रखेगा।

सामुदायिक सहायता और शिक्षा

  1. मदद समूहों से जुड़ें: नई माताओं के लिए बने सपोर्ट ग्रुप्स से जुड़कर अनुभव साझा करें और सहायक टिप्स प्राप्त करें।
  2. जानकारी हासिल करें:पोस्टपार्टम डिप्रेशन के बारे में किताबें पढ़ें या ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करें। यह आपको अपनी स्थिति को समझने और बेहतर तरीके से निपटने में मदद करेगा।
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पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक अस्थायी स्थिति है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना हानिकारक हो सकता है। सही देखभाल, सहयोग, और आत्म-प्रेरणा से महिलाएं इस स्थिति को सफलतापूर्वक संभाल सकती हैं। अपनी मानसिक और शारीरिक भलाई को प्राथमिकता दें, और आवश्यकता पड़ने पर मदद लेने में संकोच न करें।