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Photograph: (Google Image)
Identification of Common Vaginal Infection: महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में योनि संक्रमण एक आम लेकिन जरूरी मुद्दा है। यह समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है विशेषकर प्रजनन आयु की महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है। योनि संक्रमण तब होता है जब योनि के अंदरूनी हिस्से में बैक्टीरिया फंगस या परजीवी का असंतुलन हो जाता है। इन संक्रमणों के कारण महिलाओं को खुजली जलन दुर्गंध या असामान्य डिस्चार्ज जैसी परेशानियाँ होती हैं। इन लक्षणों को अनदेखा करना आगे चलकर गर्भधारण मासिक धर्म या यौन स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याएँ पैदा कर सकता है।
सामान्य योनि संक्रमणों की पहचान और इलाज
1. बैक्टीरियल वैजिनोसिस
सबसे आम संक्रमणों में से एक है बैक्टीरियल वैजिनोसिस । यह तब होता है जब योनि में प्राकृतिक रूप से मौजूद अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच संतुलन बिगड़ जाता है। इसके लक्षणों में पतला सफेद या ग्रे रंग का डिस्चार्ज और मछली जैसी गंध प्रमुख हैं। संभोग के बाद यह गंध और अधिक तीव्र हो सकती है। इलाज के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाइयाँ जैसे मेट्रोनिडाज़ोल या क्लिंडामाइसीन सुझाते हैं। इसे समय रहते ठीक करना जरूरी है अन्यथा यह पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
2. खमीर संक्रमण
दूसरा आम संक्रमण है खमीर संक्रमण जिसे मेडिकल भाषा में कैंडिडायसिस कहा जाता है। यह कैंडिडा नामक फंगस की अधिकता से होता है जो योनि में सामान्य रूप से मौजूद रहता है लेकिन जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो संक्रमण हो जाता है। इसके लक्षणों में गाढ़ा सफेद पनीर जैसा डिस्चार्ज योनि में तेज खुजली जलन और लालिमा होती है। यह संक्रमण बहुत परेशान करने वाला होता है लेकिन आसानी से इलाज किया जा सकता है। इसके लिए एंटीफंगल दवाएँ दी जाती हैं जैसे कि फ्लुकोनाज़ोल टैबलेट या क्लोट्रिमाज़ोल क्रीम। संक्रमण से बचाव के लिए संतुलित आहार और साफ सुथरा पहनावा जरूरी है।
3. ट्राइकोमोनियासिस
तीसरा संक्रमण है ट्राइकोमोनियासिस जो एक यौन संचारित रोग है और नामक परजीवी के कारण होता है। इसके लक्षणों में बदबूदार पीले हरे झागदार डिस्चार्ज योनि में जलन खुजली और संभोग के समय दर्द हो सकता है। कभी कभी यह संक्रमण बिना किसी लक्षण के भी होता है जिससे यह दूसरों तक आसानी से फैल सकता है। इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं जैसे मेट्रोनिडाज़ोल या टिनिडाज़ोल से होता है जो डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जाती हैं। इस संक्रमण से बचने के लिए यौन संबंधों में सावधानी और पार्टनर के साथ इलाज जरूरी होता है।
4. क्लैमिडिया और गोनोरिया
इनके अलावा क्लैमिडिया और गोनोरिया जैसे यौन संचारित संक्रमण भी सामान्य हैं। ये दोनों संक्रमण बिना लक्षण के भी हो सकते हैं लेकिन कभी कभी पेशाब में जलन पेट में दर्द और असामान्य डिस्चार्ज जैसे संकेत देते हैं। इनका इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जाता है। इन बीमारियों को अनदेखा करने पर यह महिला की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डाल सकते हैं।
5. बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है
योनि संक्रमणों से बचने के लिए महिलाओं को अपनी स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए रसायनयुक्त साबुन या डाउचिंग से बचना चाहिए और केवल हल्के और बिना खुशबू वाले उत्पादों का उपयोग करना चाहिए। कंडोम का उपयोग यौन संचारित संक्रमणों से बचाने में मदद करता है। साथ ही नियमित चेकअप कराना और किसी भी असामान्य लक्षण पर डॉक्टर से संपर्क करना महिलाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है।
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