/hindi/media/media_files/2024/10/20/U3oUfNU3sGmrb8FjccyO.png)
File Image
If there is no pregnancy then why are periods getting late These could be the reasons: पीरियड्स हर महिला के जीवन का एक नियमित हिस्सा होते हैं। लेकिन जब समय पर पीरियड्स नहीं आते, तो सबसे पहले दिमाग में यही आता है कहीं pregnancy तो नहीं? लेकिन जब प्रेग्नेंसी टेस्ट निगेटिव आता है, तब सवाल उठता है, तो फिर पीरियड्स लेट क्यों हो रहे हैं? असल में पीरियड्स लेट होने के पीछे कई और कारण भी हो सकते हैं, जो हमारे शरीर, दिनचर्या और मानसिक स्थिति से जुड़े होते हैं। आइए जानें उनके बारे में।
अगर प्रेग्नेंसी नहीं है तो पीरियड लेट क्यों हो रहे हैं? ये हो सकते हैं कारण
दिमाग का असर शरीर पर
जब आप ज्यादा तनाव में रहती हैं, तो आपके दिमाग का एक हिस्सा जिसे हाइपोथैलेमस कहा जाता है, हार्मोनल बैलेंस को प्रभावित करता है। इससे ओवुलेशन लेट हो सकता है या रुक सकता है, जिसका सीधा असर periods पर पड़ता है। एग्ज़ाम स्ट्रेस, relationship की चिंता, या वर्क प्रेशर, सब इसका कारण बन सकते हैं।
वजन में अचानक बदलाव
बहुत ज्यादा वज़न बढ़ना या कम होना, दोनों ही हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं। खासकर अगर आप डाइटिंग या भारी एक्सरसाइज़ कर रही हैं, तो शरीर ओवुलेशन को टाल सकता है, जिससे पीरियड्स मिस हो सकते हैं।
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
PCOS एक हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसमें ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं। इस स्थिति में पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, लेट हो सकते हैं या कई महीनों तक आ ही नहीं सकते। ये स्थिति भारत में कई युवतियों में आम होती जा रही है।
थायरॉइड असंतुलन
थायरॉइड हार्मोन शरीर की बहुत सारी प्रक्रियाओं को कंट्रोल करता है, जिनमें पीरियड साइकल भी शामिल है। हाइपोथायरॉइडिज्म (कम थायरॉइड) या हाइपरथायरॉइडिज्म (ज्यादा थायरॉइड) दोनों ही पीरियड्स में गड़बड़ी ला सकते हैं।
नींद की कमी और गलत लाइफस्टाइल
रात भर जागना, मोबाइल में लगे रहना, फिजिकल एक्टिविटी ना करना और जंक फूड ज़्यादा खाना, ये सब चीज़ें हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ती हैं, जिससे पीरियड्स का समय डिस्टर्ब हो सकता है।
गर्भनिरोधक गोलियों या दवाइयों का असर
अगर आपने हाल ही में कोई बर्थ कंट्रोल पिल लेना शुरू या बंद किया है, तो शरीर को नया बैलेंस बनाने में समय लगता है। इसी दौरान पीरियड्स आगे-पीछे हो सकते हैं। कुछ मेडिकल ट्रीटमेंट या हार्मोनल थेरेपी का भी यही असर हो सकता है।
पेरि-मीनोपॉज़ की शुरुआत
30 या 40 की उम्र के बाद कुछ महिलाओं में पेरि-मीनोपॉज़ शुरू हो जाता है, जिसमें पीरियड्स धीरे-धीरे अनियमित होने लगते हैं। हालांकि यह उम्र का स्वाभाविक हिस्सा है, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
हर बार पीरियड्स लेट होने का मतलब प्रेग्नेंसी नहीं होता। शरीर के अंदर चल रही बहुत सी चीज़ें इसकी वजह बन सकती हैं। अगर लगातार दो-तीन महीनों तक पीरियड्स अनियमित हों या कोई और लक्षण जैसे पेट दर्द, थकावट, या बालों का झड़ना दिखे तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। अपने शरीर की आवाज़ सुनिए, और समय रहते ज़रूरी कदम उठाइए।