Advertisment

Irregular Periods: पीरियड्स की अनियमितता है बड़ी बिमारियों की वजह

author-image
New Update
menstruation

एक नयी रिसर्च के अनुसार पीरियड्स में देरी या अनियमितता, महिलाओं के शरीर में किसी गंभीर बिमारी के कारण भी बन सकते हैं। लम्बे समय से चल रही पीरियड्स की समस्याओं का सम्बन्ध आपके लिवर से हो सकता है और शायद संभव है कि आपको लिवर सम्बन्धी कोई खतरनाक बिमारी भी हो जाए। इसीलिए अगर आपको भी पीरियड्स से रिलेटेड कोई भी प्रॉब्लम है तो उसे नज़रअंदाज़ करने की बजाये, तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। 

Advertisment

Irregular Periods: पीरियड्स की अनियमितता है बड़ी बिमारियों की वजह 

पीरियड्स के चक्र को हॉर्मोन (Hormone) के स्तर में बढ़ोतरी और गिरावट नियंत्रित करती है। इरेग्युलर पीरियड्स की समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इससे ग्रस्त महिलाओं को कई प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। असामान्य या लंबे समय तक मासिक धर्म के होने से, चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बालों का उगना, वजन बढ़ना, मुंहासे, तेल वाली त्वचा आदि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।  

इरेग्युलर पीरियड्स से हो सकती हैं कई बीमारियां: 

Advertisment

हार्मोनल बैलेंस बिगड़ने से लिवर पर असर 

40 साल से कम उम्र की 72,092 महिलाओं पर हुई स्टडी के मुताबिक, जिन महिलाओं में लंबे या अनियमित पीरियड्स की समस्या देखी जा रही थी, उनमें 26 से 30 दिनों तक चलने वाले सामान्य पीरियड्स वाली महिलाओं की अपेक्षा नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज विकसित होने की संभावना 49 प्रतिशत अधिक थी। फैटी लिवर से जुड़ी बीमारी को रोकने के लिए अनियमित या असामान्य रूप से लंबे पीरियड साइकिल वाली महिलाओं को अपने लाइफस्टाइल में सुधार करके ही इस समस्या का हल किया जा सकता है। 

डायबिटीज का खतरा 

Advertisment

अगर किसी लड़की को 14 साल या या उससे पहले ही मासिक धर्म होना शुरु हो जाता है तो उसे डायबिटीज का खतरा अधिक बना रहता है। भारत में डायबिटीज से पीड़ित 25 साल से कम उम्र के हर चौथे व्यक्ति में से एक (25.3 फीसदी) को वयस्क टाइप 2 मधुमेह की शिकायत है। शोध में पाया गया है कि विटामिन-सी टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों के रक्तचाप को कम रखने में मदद करता है. जिसकी वजह से व्यक्ति का दिल स्वास्थ्य बना रहता है। जल्दी मासिक धर्म की शुरुआत ज्यादा जोखिम वाले टाइप-2 मधुमेह से जुड़ी है, लेकिन बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) इसमें रोकथाम कर सकता है। मेनोपॉज जर्नल में में प्रकाशित एक शोध के अनुसार मासिक धर्म आयु में हर साल की देरी टाइप-2 मधुमेह का जोखिम छह फीसदी कम होता है। 

कैंसर का खतरा 

अगर इस पर समय रहते कंट्रोल न किया जाए, तो महिला कैंसर की चपेट में भी आ सकती है। PCOS प्रॉब्लम से जूझ रही महिलाओं की ओवरी में हॉर्मोन सामान्य से अधिक बनते हैं। इसकी वजह से अंडाणु सिस्ट या गांठ में तब्दील हो जाता है और कई बार कैंसर का रूप भी ले लेता है। ये सिस्ट छोटी-छोटी थैलीनुमा शेप में होती हैं, जिनमें लिक्विड भरा होता है। इनका शेप धीरे-धीरे बढ़ता जाता है।

Irregular periods in Hindi
Advertisment