Urinary Tract Health: हमारे शरीर में उत्सर्जन तंत्र बहुत महत्व रखता है। ये तंत्र न केवल समूचे शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि शरीर के विषैले पदार्थों को और अशुद्ध चीज़ों को बाहर निकालता है। इसी उत्सर्जन तंत्र में बात आती है यूरिनरी ट्रैक्ट के स्वास्थ्य की।
यूरिनरी ट्रैक्ट या हिंदी में बात करें तो मूत्र पथ में जो अंग आते हैं वो हैं –गुर्दे, मूत्राशय, मूत्रवाहिनी और मूत्रमार्ग।
गुर्दे (Kidney) : गुर्दों का काम रक्त को साफ़ करना और विषैले तत्वों को बाहर करना है।
मूत्रवाहिनी (Ureter) : ये एक नली है जिसके जरिए गुर्दों से विषैले तत्व मूत्राशय की और जाते हैं।
मूत्राशय (Urinary Bladder) : ये सभी विषैले तत्वों को ग्रहण करता है, जिससे फिर हमारे ब्रेन को सिग्नल मिलता है कि कब ये तत्व हमारे शरीर से बाहर जाएं।
मूत्रमार्ग (Urethra) : ये वो मार्ग है जहां से हमारे शरीर के सभी विषैले तत्व हमारे शरीर से पूरी तरह बाहर हो जाते हैं।
इन सबको जानने के बाद ये ज़रूरी है कि हम अपने यूरिनरी ट्रैक्ट की सही देखभाल करें। जब हमारा यूरिनरी ट्रैक्ट सही से काम करना बंद कर देता, तब 2 समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आती हैं:
- मूत्र पथ में संक्रमण (UTI)
- मूत्र में असंयम (यूरिनरी इनकॉन्टीनेंस )
मूत्र पथ में संक्रमण : ये पुरुषों की तुलना में महिलाओं जो ज़्यादा होता है, जिसमें मूत्रमार्ग में बैक्टीरिया का संचयन हो जाता है। इसको समय रहते न दूर करने पर ये एक बड़ी बीमारी बन सकती है जो आगे चलकर प्रजनन के दौरान समस्या पैदा कर सकती है।
मूत्र में असंयम : इसमें हम अपने मूत्र को नियंत्रित नहीं कर पाते। हमें बार-बार यूरीनेशन की इच्छा होती है। इसके कई प्रकार हैं जिसकी वजह शरीर में होने वाली अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
कैसे स्वस्थ रखें यूरिनरी ट्रैक्ट को
यूरिनरी ट्रैक्ट को स्वस्थ रखने के लिए ज़रूरी है एक स्वस्थ जीवनशैली के साथ स्वस्थ खान-पान हो। समय-समय पर यूरीन की जांच कराते रहें और उसे न रोकें। साथ ही खाने में तरल पदार्थ की मात्रा ज़्यादा होने के साथ-साथ पानी का सेवन सही रखें। आपको बता दें, ख़ुद सही मात्रा में पानी पीना भी, उत्सर्जन तंत्र से जुड़ी कई समस्याओं से निजात दिला सकता है।