लिस्टेरियोसिस एक प्रकार की फूड पॉइजनिंग है। यह बैक्टीरिया 'लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स' के कारण होने वाली फूड पाॅइजनिंग है। यह बैक्टीरिया मिट्टी, पानी, और जानवर के मल में पाया जाता है। अगर आप लिस्टेरियोसिस से ग्रसित होते हैं तो इसके लक्षण दिखाई देने में लगभग 30 दिन या उससे अधिक का समय लग जाता है।
आमतौर पर फूड पॉइजनिंग ज्यादा खतरनाक नही होती है लेकिन लिस्टेरियोसिस से होने वाली फूड पॉइजनिंग काफी घातक साबित हो सकती है। लिस्टेरियोसिस से पीड़ित रोगियों का एंटीबायोटिक से इलाज करने के दौरान भी 20 से 40 प्रतिशत पीड़ितो की मृत्यु हो जाती है। बूढ़े और ऐसे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनके लिए यह काफी खतरनाक साबित होता है। आइए जानते है लिस्टेरियोसिस के लक्षण और उससे बचाव की तरकीबो के बारे में।
कैसे होता है लिस्टेरियोसिस?
• अक्सर यह रेडी टू ईट' फूड प्रोडक्ट के खाने से होता है।
• अनपॉस्चराइज्ड दूध या उसे बने खाद्य पदार्थ खाने से भी इसके होने का खतरा रहता है।
• प्रोसेस्ड फूड जैसे मीट, चीज या हॉट डाॅग के कारण भी यह हो सकता है।
•संक्रमित भोजन या संक्रमित जानवर का मीट खाने से भी
यह हो सकता है।
क्या है लिस्टेरियोसिस के लक्षण?
लिस्टेरियोसिस में आपको काफी विभन्न प्रकार के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। जैसे, मांसपेशियों में दर्द का महसूस होना, बुखार और चक्कर आना, अच्छे से भूख न लगना, दस्त और बार-बार उल्टी आना आदि।
कैसे करें बचाव :
लिस्टेरियोसिस से बचाव के लिए इन आदतों को अपना सकते हैं।
• सब्जियों को पकाने से पहले अच्छे से धोएं और अच्छे से पकाएं।
• मीट और अंडे को खाने से पहले ठीक से पकाएं।
• रिसर्च के अनुसार यह बैक्टीरिया 8'C तापमान पर बहुत जल्दी ग्रो करता है। इसके मुताबिक जब आप सब्जियों को फ्रिज में स्टोर करे तो सुनिश्चत करे कि तापमान 5'C से कम ही रखें।
• गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती हैं। ठीक से पकी सब्जियां खाए और खाने पकाने से पहले अपने हाथ अच्छे से धोना न भूलें।
• आस-पास सफाई का ध्यान रखें।
• प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें।
• अगर फूड प्रोडक्ट की डेट निकल गई है तो बेहतर है कि
उसको ना खाएं।