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गर्भावस्था में बदलते मौसम के साथ अनेको परेशानिया आती है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह के कई दवाई ले ली जाती है जिसका नुकसान बाद में लंबे समय के लिए भुगतना पड़ता है। सलाहकारों के मुताबिक बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से बच्चे पर विपरीत प्रभाव दिखाई दे सकते है। आइये जानते है वो कौन सी ऐसी दवाए है जो गर्भावस्था के दौरान महिला को बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं खाना चाहिए -
Medicines During Pregnancy: गर्भावस्था में किन दवाइयों से करे परहेज
1. दर्द नाशक दवाएं: गर्भावस्था के दौरान यह आम समस्या बनी रहती है कभी सर दर्द कभी पैरों में दर्द आदि आदि ऐसे में जितना हो सके प्राकृतिक उपचार करना चाहिए और इन दवाओं से बचना चाहिए। इन दवाओं के प्रेग्नैंसी के दौरान लंबे इस्तेमाल से बच्चे के प्रजनन अंगों के विकास को नुकसान पहुंच सकता है।
2. बुखार की दवाइयां: गर्भावस्था के आरंभिक तीन महीनो में हल्का- फुल्का बुखार आता ही है। इसके लिए पोष्टिक आहार, ताजा फलों आदि का सेवन करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पियें। बुखार में खायी जाने वाली दवाई पेरासिटामोल या अन्य कोई दवाई खाने से बचे। पहली तिमाही में बच्चे की विकास पर इस दवाई का काफी असर पड़ता है और बच्चे का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता।
3. एंटी मोशन सिकनेस दवाएं: गर्भावस्था में दस्त लगना आम बात है ऐसे में एंटी मोशन सिकनेस दवाइयां नहीं लेनी चाहिए। इसका बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। इस समस्या का समाधान घरेलू उपयो से किया जा सकता है जैसे एक चम्मच जीरा चबा ले और पानी पियें इससे जल्द ही आराम मिल जायेगा इसके अलावा घरों मे अक्सर मसाला दस्त मौजूद होते है उनसे भी आपको आराम मिल सकता है।
4. नींद की दवाएं: गर्भवती महिला को नींद की दवाई भूल कर भी नहीं खानी चाहिए। अगर महिला नींद की दवाई लेती है, तो बच्चे पर इसका अच्छा असर नहीं पड़ता।
5. तनाव से बचने वाली दवाइयां: तनाव से बचने वाली दवाइयों को खाने से बच्चे में जन्म से ही कुछ दोष आ सकते हैं। इसलिए इनके सेवन से बचना चाहिए। तनाव से बचने के लिए आप योग और ध्यान का सहारा ले सकते है। डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार की दवा का सेवन ना करे।