मॉनसून अपने साथ बारिश की फुहारें और और ठंडी हवा तो लाता ही है लेकिन साथ ही साथ में आती हैं कोल्ड, बंद नाक, इन्फेक्शन जैसी परेशानियां। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बरसात के मौसम में बैक्टीरियल इन्फेक्शन से हमारे रेसिपिटरी ऑर्गन्स यानि हमारे लंग्स में भी इन्फेक्शन होने का खतरा होता है।
Monsoon Tips For Healthy Lungs: ये टिप्स के रखे अपने लंग्स का ख्याल
1. अपने आसपास साफ़-सफाई का रखें ख्याल
मानसून के दौरान हवा में पॉलेन ग्रेन्स की मात्रा बढ़ने के कारण एलर्जी बहुत तेजी से फैलती है। मानसून के दौरान अपने घर को बेहद साफ रखना जरूरी है। घर में इस्तेमाल किया जाने वाला कोई भी कपड़ा, चाहे वह आपके सोफा कवर, बेडशीट और टेबल क्लॉथ हों, उन्हें साफ और सूखा रखना चाहिए। यदि आपके परिवार के सदस्यों को धूल और पराग से एलर्जी है, तो अपने घर की सफाई करते समय मास्क पहनने की अत्यधिक सलाह दी जाती है। गीली दीवारों, सांचों, खुले बर्तनों और कंटेनरों में पानी जमा करने से छुटकारा पाएं।
2. खुद को करें मॉनसून रेडी
अधिकांश लंग्स की प्रॉब्लम कम या कमजोर इम्युनिटी वाले शरीर पर हमला करते हैं। अपनी इम्युनिटी को हाई रखने के लिए ऐसे फ़ूड आइटम का सेवन करना महत्वपूर्ण है जो एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर हों जैसे कि नट्स और बेरी। सब्जियों, फलों और मीट-मछली के रूप में विटामिन सी, विटामिन डी, विटामिन बी 12, आयरन और ओमेगा -3 फैटी एसिड को अपनी डाइट में शामिल करें।
3. डेली स्टीम लें
जिन लोगों को पहले से ही एलर्जी और रेस्पिरेशन की प्रॉब्लम है उन्हें डेली स्टीम लेने की सलाह दी जाती है। अपनी नाक से सांस लेना और अपने मुंह से सांस छोड़ना याद रखें। पांच साल से ऊपर के बच्चों को भी स्टीम लेने की सलाह डी जाती है। इसीलिए मॉनसून आते ही अपना और अपने घरवालों का खास ख्याल रखना शुरू कर दें।
4. सूखे और साफ़ कपड़ों का करें इस्तेमाल
खुद को गीला होने से बचाएं। निमोनिया के सामान्य कारणों में से एक लंबे समय तक गीला रहना है। न भीगने की कोशिश करें और यदि आप भीगते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने पैरों और हथेलियों को तुरंत सुखा लें। अपने बैग में एक अतिरिक्त जोड़ी कपड़े रखें ताकि आप गीले कपड़ों में इधर-उधर न जाएं।
5. डॉक्टर कंसलटेंट है जरुरी
बारिश में मौसम में जरुरी है कि आप रूटीन से अपना चेकअप करते रहें। अपने वाइटल्स का ध्यान रखें। किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। यह भी ध्यान रखें कि कोल्ड और सर्दी-जुखाम में खुद से कोई दवा न लें। हमेशा डॉक्टर की सलाह से दवाईयां इस्तेमाल करें। कई बार आपको इन्फेक्शन किसी और चीज़ से होता है और आप उसे कोल्ड समझ के नार्मल दवा इन्टेक कर लेते हैं। ऐसे में हालत और ख़राब हो सकती है।