अब ब्यूटी प्रोडक्ट्स के ज्यादा मार्केट में स्किनकेयर की डिमांड बढ़ती हुई नज़र आ रही है। ट्रेडिशनल प्रोडक्टस के बजाय नैचुरल स्किन केयर रूटीन अपनाने के एक नहीं कई सारे रीजन्स हैं। जैसे संभावित हानिकारक सिंथेटिक केमिकल्स से अपनी स्किन को बचाना, साथ ही यह एक इको फ्रेंडली तरीका भी है। सोशल मीडिया से लेकर हर जगह लोग बस स्किनकेयर ही शेयर करते हैं। ऐसे में जो अभी बिगिनर्स हैं उनको परेशानी का समना करना पड़ रहा है कि किसी तरह से और क्या प्रोडक्ट्स के साथ वह भी अपना स्किनकेयर बना सकते हैं।
Organic Skincare Routine: What Is Organic Skincare?
असल में मार्किट में जितने भी ब्यूटी या मेकअप के प्रोडक्ट्स होते हैं वह हार्मफुल केमिकल्स से भरे होते हैं। इसीलिए हमें इनको अपने चेहरे पर अप्लाई करने से पहले अपनी स्किन को काफी अच्छे से प्रेप कर लेना चाहिए। ध्यान रहे कि आर्गेनिक स्किनकेयर में हमें ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल आर्गेनिक रूप में करना चाहिए। असल में आर्गेनिक प्रोडक्ट्स में किसी भी तरह का कोई भी हार्श इशू नहीं दिखाई दिया।
नैचुरल स्किन केयर के फायदे
अध्ययन के अनुसार, पौधों का एक्सट्रैक्ट यानी अर्क सिंथेटिक्स या केमिकल्स का एक सुरक्षित और कॉस्ट इफेक्टिव विकल्प हो सकता है।2015 के एक अध्ययन के अनुसार, बोटैनिकल प्रोडक्टस एक रिच सोर्स हो सकते हैं, जिनमें विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट, एसेंशियल आयल, हाइड्रोकार्बन, प्रोटीन, टेरपेनोइड्स, बायोएक्टिव कंपाउंड।
आर्गेनिक स्किनकेयर के हैं लॉन्ग टर्म फायदे
हम सभी जानते हैं कि आयुर्वेद में हमारी सभी समस्यायों, बिमारियों के हल मिल जाते हैं। आयुर्वेद का मुख्य सिद्धांत यह है कि आप स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए जो कुछ भी उपयोग करते हैं वह शुद्ध, ताजा, प्राकृतिक, ऑर्गेनिक और मौसमी यानी सीजनल होना चाहिए।आयुर्वेद केमिकल इंग्रीडिएंटस, प्रोडक्टस या मौसम के बाहर उगाई चीजों का फेवर नहीं करता है।
सभी स्किन टाइप के लिए सूटेबल हैं आर्गेनिक स्किनकेयर
ड्राई स्किन के लिए: सर्दियों में ड्राई स्किन को काफी प्रोब्लेम्स का सामना करना पड़ता है। फ्लेकी स्किन, फटी स्किन और रेडनेस ड्राय स्किन के कॉमन प्रॉब्लम्स होते हैं।सबसे पहले ड्राय स्किन वालों को रोज वॉटर से चेहरा क्लेंज करना चाहिए। फिर, आयुर्वेद का कोई विटामिन सी का सीरम इस्माल करें चेहरे पर, फेस को अलोएवेरा से मॉइस्चराइस करें।
ऑयली स्किन के लिए: ऑयली स्किन वालों को बार बार फेस पैर तेल जमा होने कि शिकायत होती हैं। ऐसे में वह लगातार और हर एक-दो घंटे अपने चेहरे को धुलते रहती हैं। दिन भर में कई बार सल्फेट क्लींजर फेस वॉश करने से, यह फेस की नैचुरल नमी को भी छीन लेता है। जो सिबेसियस ग्लैंड्स को बड़ी मात्रा में सीबम का उत्पादन करने के लिए हाईपरएक्टिव बनाता है। आयुर्वेद के हिसाब से ऑयली और एक्ने प्रोन स्किन वाले लोगों को हल्दी, आंवला, चंदन, नीम, गुलाब, लैवेंडर, मंजिष्ठा, शहद, कुमकुम और संतरे के छिलके के पाउडर जैसी ऑर्गेनिक और पूरी तरह से नैचुरल चीजों को अपने ब्यूटी स्किन केयर रूटीन में शामिल करना चाहिए।
सेंसिटिव स्किन: सेंसेटिव स्किन के लिए कोई भी प्रोडक्ट बहुत सोच समझकर ही इस्तेमाल में लाना चाहिए। अक्सर यह देखा गया है कि सेंसिटिव स्किन वालों को गलत प्रोडक्ट से एलर्जी तुरत हो जाती है या उनको रिएक्शन भी होते हैं। इसीलिए ओरगनिक प्रोडक्ट इस्तेमाल करते वक़्त भी सेंसिटिव स्किन वालों को थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। 2018 के एक अध्ययन ने सुगंध वाले उत्पादों से जुड़ी त्वचा की संवेदनशीलता के जोखिम की जांच की। जिन मार्केट प्रोडक्टस के लंबे समय तक अप्लाई करने की संभावना होती है, जैसे मॉइश्चराइज़र आदि, उनसे ऐसी स्किन वालों को समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है।सेंसिटिव स्किन के लिए घर पर ही केला, शहद, टमाटर का जूस, नारियल तेल, विटामिन ई जेल आदि से बने फेस पैक या स्क्रब यूज करने चाहिए।